केरल कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजू नारायणस्वामी को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले योद्धा के रूप में जाना जाता है। राजू अपने 22 साल की सर्विस में 22 बार ट्रांसफर झेल चुके हैं। राजू का आरोप है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारण ही केंद्र और राज्य सरकार अब उन्हें सर्विस से टर्मिनेट करना चाहती हैं।
1991 बैच के केरल कैडर के अधिकारी राजू ने शुक्रवार को कोच्चि में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से उन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी है। इसके पीछे काम से गैरहाजिर रहना और अनुशासन की कमी और जिम्मेदारी का अभाव का हवाला दिया गया है।
एक मलयायम दैनिक की रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे बर्खास्त करने संबंधी सरकार के फैसले की अभी आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। लेकिन मैंने जो कुछ भी मीडिया में देखा है वह दुखी करने वाला है।’ रिपोर्ट के अनुसार केरल के प्रधान सचिव टॉम जोस की अध्यक्षता वाली राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों वाली उच्चाधिकार समिति ने नारायणस्वामी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है।
एक भी दाग नहीः नारायणस्वामी का कहना है कि इतने साल के कैरियर में उनपर एक भी दाग नहीं लगा है। इतना ही नहीं मेरे खिलाफ कोई सीबीआई केस भी नहीं है। नाराणयस्वामी की तुलना हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका से की जाती है। खेमका अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।
केंद्र को भेजी सिफारिशः समिति ने इस आशय की सिफारिश भी केंद्र सरकार को भेज दी है। नारायणस्वामी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर इस तरह का इनाम मिलना बहुत दुखद है। मैं बहुत दुख के साथ आप लोगों का सामना कर रहा हूं।’ नारायणस्वामी को इस साल मार्च में कोकोनेट डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद से सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद से उनके पास कोई पद नहीं था।
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सीडीबी में भ्रष्टाचार कि खुलासाः नारायणस्वामी का दावा है कि उन्होंने बोर्ड में भ्रष्टाचार का खुलासा किया जिसमें फंड का दुरुपयोग शामिल था। इसके अलावा दो अधिकारियों की बर्खास्तगी भी हुई। कोकोनेट डेवलपमेंट बोर्ड (सीडीबी) कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आता है। वहीं केरल सरकार ने आईएएस के आरोपों पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। राज्य के वित्त मंत्री और प्रधान सचिव आईएएस से जुड़े सवाल को टाल गए।