हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ अशोक खेमका का एक बार फिर तबादला हो गया है। खेमका के 27 साल के करियर में यह उनका 52 वां तबादला है। अपने 52 वें ट्रांसफर पर खेमका ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “किसके हितों की रक्षा करूँ? तुम्हारा या उनका जिनका आप प्रतिनिधित्व का दावा करते हैं? दम्भ है हमें पैरों तले रौंदोगे। शौक से, कई बार सहा है, एक बार और सही।” ऐसा माना जा रहा है कि डॉ खेमका को मनोहर लाल खट्टर सरकार के उस फैसले के विरोध की सजा मिली है जिसमें फरीदाबाद के कोट गांव की अरावली के दायरे में आने वाली जमीन की चकबंदी कराने को लेकर मंजूरी दी गई थी।
बता दें 1991 बैच के अधिकारी खेमका को बीते नंवबर खेल और युवा मामलों के विभाग में नियुक्त किया गया था। ट्रांसफर के बाद अब खेमका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा संभालेंगे।
51वें तबादले पर परेशान होकर कहा था येः डॉ खेमका ने अपने 51वें ट्रांसफर पर कहा था ‘अब तो लगता है भेजा फ्राई हो गया है’। गौरतलब है कि खेमका का टकराव अब तक कई सरकारों के साथ हो चुका है। बंसीलाल से लेकर मनोहर लाल तक, कोई ऐसी सरकार नहीं बची, जिसमें खेमका सीधे तौर पर टकराव नहीं हुआ हो।
साल 2012 में आए थे चर्चा मेंः आईएएस अफसर डॉ खेमका का नाम पहली बार चर्चा में तब आया, जब उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा की कंपनी और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए जमीनी सौदे को रद्द कर दिया था। हरियाणा सरकार द्वारा ट्रांसफर किए गए आईएएस अधिकारियों में अशोक खेमका के अलावा अमित झा, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के अलावा मुख्य सचिव, हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के सलाहकार और विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग के मुख्य सचिव शामिल हैं।