Telangana Governor Dr Tamilisai Soundararajan: तेलंगाना की गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) ने राज्य की केसीआर सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। गुरुवार (8 सितंबर) को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए गवर्नर ने कहा कि सरकार के द्वारा राज्यपाल के कार्यालय का अपमान किया गया। उन्होंने कहा कि वह इस बात से आहत हैं कि गणतंत्र दिवस के दिन राज्यपाल को झंडा फहराने की अनुमति नहीं दी गई।

राजभवन में तेलंगाना के लोगों की सेवा में अपने चौथे कार्यकाल की शुरुआत के दौरान गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि उन्हें ना तो सरकारी हेलिकॉप्टर दिया गया और ना ही गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने दिया गया। उन्होंने कहा कि जब भी मैंने लोगों तक पहुंचने की कोशिश की, कोई ना कोई बाधा आई।

राज्य सरकार कर रही है भेदभाव: तेलंगाना की राज्यपाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है क्योंकि वह एक महिला हैं। अपनी साबित करने के लिए उन्होंने कई उदाहरण भी दिए हैं। उन्होंने कहा, “राज्य अपने इतिहास में लिखेगा कि कैसे एक महिला राज्यपाल के साथ भेदभाव किया गया। मुझे गणतंत्र दिवस के दिन अभिभाषण देने और झंडा फहराने से रोका गया। मैं जहां भी जाती हूं, वहां प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं किया जाता है। राज्यपाल के कार्यालय का सम्मान किया जाना चाहिए।”

अधिकारी नहीं करते प्रोटोकॉल का पालन: गवर्नर ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, “जब भी मैं जिलों का दौरा करती हूं, तो एसपी और जिलाधिकारी आते हैं और प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। कलेक्टर आकर अभिवादन नहीं करते हैं। इस बारे में मुझे नहीं पता है कि उनको कौन निर्देश दे रहा है, जिसके कारण जिलों का दौरा करने के दौरान वह नहीं आ रहे हैं। अगर वह नहीं आ रहे हैं तो मुझे कोई परेशानी नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, ”मैं यह किसी को इंगित करने के लिए नहीं कह रही हूं, लेकिन कार्यालय का सम्मान किया जाना चाहिए।”

राज्यपाल सुंदरराजन ने राज्य सरकार के साथ अपने समीकरण पर बात करते हुए कहा, “मुझे सम्मक्का सरक्का (जतारा) जाना था, इसलिए सरकार से एक हेलीकॉप्टर मांगा था क्योंकि सड़क से यात्रा में आठ घंटे लगने थे।” उन्होंने आगे कहा, “आखिरी मिनट तक, हमें सूचित नहीं किया गया कि वे हेलीकॉप्टर देंगे या नहीं।हम अगली सुबह कार से निकल गए।” उन्होंने बताया कि वह काफी मुश्किल से समय पर पहुंच पायीं क्योंकि उत्सव शाम 4 बजे तक खत्म होना था।