Karnataka Politics: कर्नाटक के पूर्व सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने एक ऐलान कर सियासी गलियारे में हलचल मचा दी है। येदियुरप्पा ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि वह अपनी परंपरागत शिकारीपुरा सीट अपने बेटे विजयेंद्र के लिए छोड़ देंगे। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि वह आगामी चुनाव नहीं लड़ेगे। येदियुरप्पा की इस घोषणा के बाद उनके सक्रिय राजनीति से संन्यास को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने बेटे और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के लिए अपनी शिकारीपुरा सीट छोड़ देंगे। उन्होंने शिकारीपुरा के मतदाताओं से अपने बेटे को भारी वोटों के अंतर से जीत दिलाने का अनुरोध किया।

बीएस येदियुरप्पा ने कहा, “मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। विजयेंद्र शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे। मैं हाथ जोड़कर शिकारीपुरा की जनता से प्रार्थना करता हूं कि वह मुझसे भी अधिक अंतर से उन्हें जीत दिलाएं।” समर्थकों द्वारा पुराने मैसुरु क्षेत्र से विजयेंद्र को लड़ाने की मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा कि उन पर वहां से लड़ने का बहुत दबाव है, लेकिन मैं अपनी सीट खाली कर रहा हूं और मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। यहां से विजयेंद्र चुनाव लड़ेंगे।

इससे पहले विजयेंद्र को जून में हुए विधान परिषद चुनावों के लिए भाजपा से टिकट नहीं मिला था। कुछ ऐसी भी रिपोर्ट्स थीं कि येदियुरप्पा अपने बेटे को एमएलसी बनाना चाहते थे और फिर उन्हें बसवराज बोम्मई कैबिनेट में मंत्री बनाने पर जोर दिया था।

प्रदेश उपाध्यक्ष हैं येदियुरप्पा के बेटे

विजयेंद्र को जुलाई 2020 में भाजपा की कर्नाटक इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। वहीं मई 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में मैसुरु के वरुणा से टिकट देने से इनकार करने के कुछ समय बाद ही उन्हें भाजपा की युवा इकाई का महासचिव नियुक्त किया गया था। पार्टी में उनका कद उस समय और बढ़ गया जब 2019 और 2020 में हुए उपचुनावों में भाजपा को पहली बार केआर पेट और सिरा विधानसभा सीटों पर जीत मिली।