Hyderabad: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार (29 दिसंबर) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) द्वारा आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन और आतंकवादी गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की भर्ती से संबंधित मामले में चार्जशीट दायर की। हैदराबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

भोले-भाले मुस्लिम युवकों को उकसा कर PFI में करते थे शामिल

इससे पहले 4 जुलाई 2022 को तेलंगाना के निजामाबाद जिले में मामला दर्ज किया गया था और बाद में एनआईए ने 26 अगस्त को फिर से मामला दर्ज किया था। एनआईए ने बताया कि जांच से पता चला है कि आरोपी भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे और उन्हें भारत सरकार के साथ-साथ अन्य संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ नफरत और जहर भरे भाषणों के जरिए उकसा कर पीएफआई में भर्ती कर रहे थे।

NIA ने 11 के खिलाफ चार्जशीट दायर की

NIA ने जानकारी दी, एक बार पीएफआई में भर्ती होने के बाद उन्हें योग और शारीरिक शिक्षा कक्षाओं की आड़ में प्रशिक्षण शिविरों में भेजा गया। जहां उन्हें गले, पेट और सिर जैसे शरीर के अंगों पर हमला करके किसी व्यक्ति को मारने के लिए चाकू, दरांती और लोहे की छड़ का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण दिया गया।” एनआईए ने बताया कि उन्हें इन आतंकवादी कामों के लिए कमीशन मिलता था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को केरल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया मामले में 14वें आरोपी मोहम्मद मुबारक को गिरफ्तार किया। इस मामले में एनआईए ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 19 सितंबर को केस दर्ज किया था।

केरल में PFI के खिलाफ NIA की कार्रवाई

इससे पहले केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एनआईए की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली थी, जहां गुरुवार सुबह एनआईए की टीम ने पीएफआई के करीब 56 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। जानकारी के मुताबिक, पीएफआई के लोग दोबारा से संगठन को नए नाम से पुनर्जीवित करना चाह रहे थे। इस बात की भनक खुफिया इनपुट के जरिए एनआईए को लगने के बाद NIA की टीम ने एनार्कुलम और तिरुवनंतपुरम स्थित पीएफआई के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।

गौरतलब है कि PFI पर सितंबर महीने में आईएसआईएस जैसे आतंकवादी समूहों से कनेक्शन की बात सामने आई थी। जिसके बाद पीएफआई और इससे जुड़े करीब आठ सहयोगी संगठनों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया था।