कर्नाटक के विवादित ईदगाह मैदान का नाम बदलकर चित्तूर की रानी चेन्नमा के नाम पर रखा जाएगा। इसके लिए हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) के मेयर इरेश अंचटगेरी ने आयुक्त को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इस सिलसिले में पिछले हफ्ते हुई एक बैठक के दौरान फैसला लिया गया था, जिसका पालन करते हुए मेयर ने ये निर्देश दिए हैं। इससे पहले बीजेपी पार्षद संतोष चव्हाण 28 अगस्त को एक नोटिस के जरिए इस मुद्दे को एचडीएमसी के संज्ञान में लाए थे।
एचडीएमसी के मेयर अंचटगेरी ने संवाददाताओं से कहा कि आम सभा की बैठक में रानी चेन्नमा के नाम पर ईदगाह का नाम बदलने का फैसला किया गया क्योंकि यह एचडीएमसी की संपत्ति है और एक बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया गया है। उन्होंने दावा किया कि मैदान का फिलहाल आधिकारिक तौर पर कोई नाम नहीं है।
विभिन्न उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा
ईदगाह मैदान का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजादी से पहले कई दशकों तक मैदान का इस्तेमाल राजनीतिक रैलियों और ईसाई मिशनरी सोसायटी बेसल मिशन के लिए किया जाता रहा है। फिलहाल स्थानीय मुसलमान ईदगाह मैदान में रमजान और बकरीद की नमाज अदा करते हैं।
स्थानीय निवासी फिलहाल इसे ईदगाह के मैदान के तौर पर जानते हैं। वहीं, दक्षिणपंथी हिंदू कार्यकर्ता इसे चित्तूर की रानी चेन्नमा मैदान के रूप में संदर्भित कर रहे हैं। रानी चेन्नमा ने 1824 में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था। रिकॉर्ड में जमीन का नाम ईदगाह मैदान है।
गणेश उत्सव के दौरान चर्चाओं में रहा था ईदगाह मैदान
हाल ही में गणेश उत्सव के दौरान यह मैदान चर्चाओं में आया था और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। अब, एआईएमआईएम और समता सैनिक दल ने 10 नवंबर को टीपू जयंती मनाने की अनुमति के लिए नगर निगम से संपर्क किया है। एचडीएमसी कमिश्नर गोपाल कृष्ण बी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें अभी इस बारे में फैसला करना है कि अनुमति दी जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि फैसला लेने से पहले सभी से परामर्श लिया जाएगा।
