Himachal Elections 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं भारतीय जनता पार्टी ने 6 सीटों के लिए अपनी दूसरी लिस्ट गुरुवार (20 अक्टूबर) को जारी कर दी। हालांकि बीजेपी के मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल में किसी की सीट बदलने और दूसरी सीट से लड़ने का रिवाज नहीं है। कुछ पछतावा तो होगा, लेकिन पार्टी का फैसला सर्वोपरि है। दरअसल, सत्तारूढ़ बीजेपी में कई उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया, जिसकी वजह से प्रदेश में पार्टी के अंदर खुला विद्रोह शुरू हो गया क्योंकि एक-दो नहीं पूरे चार बार विधायक रहे सुरेश भारद्वाज की सीट बीजेपी ने बदल दी है। वहीं, कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट मिलने पर भी नाराजगी साफतौर पर पार्टी नेताओं के अंदर देखी जा सकती है।

दरअसल, हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक चाय की दुकान के मालिक ने भारतीय जनता पार्टी के मंत्री सुरेश भारद्वाज की जगह ली है, जो लगातार चार बार शिमला शहरी सीट से चुनाव जीत चुके हैं। शिमला में चाय की दुकान चलाने वाले पार्टी उम्मीदवार संजय सूद को शिमला अर्बन से टिकट दिया गया है। अब सुरेश भारद्वाज कसुम्पटी से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। सुरेश भारद्वाज पर बीजेपी के तरजीह दिए जाने पर संजय सूद ने कहा, ‘मैं बेहद आभारी हूं कि बीजेपी ने मुझे शिमला अर्बन जैसी हॉट सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना उम्मीदवार बनाया।”

जानिए कौन हैं चायवाले संजय सूद

संजय सूद ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वह एक बहुत ही गरीब परिवार से हैं और 1991 से अपनी चाय की दुकान चला रहे थे। इस दुकान से पहले वो बस स्टैंड पर समाचार पत्र बेचते थे।” उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षा और संस्कृति का अध्ययन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से हुआ। उन्होंने कहा कि वह अखबार बेचकर कॉलेज का खर्च उठा सकते हैं और यही वह समय था जब उन्हें विद्यार्थी परिषद (छात्र परिषद) में काम करने का अवसर मिला।

मंत्री सुरेश भारद्वाज ने क्या कहा, जानिए

वहीं, मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा, “हिमाचल प्रदेश में किसी की सीट बदलने और दूसरी सीट से लड़ने का रिवाज नहीं है। ये तो अजीब बात है क्योंकि मैंने लगातार 32 साल तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।” उन्होंने आगे कहा, “कसुम्पटी मिला-जुला इलाका है और यह फेरबदल अगर पूर्व सूचना के साथ होता तो ज्यादा बेहतर होता, क्योंकि अब तो मुझे यहीं से चुनाव लड़ना होगा और अब तैयारियों के लिए ज्यादा समय भी नहीं बचा है।”

कांग्रेस से बीजेपी में आए ये नेता, मिला टिकट का इनाम

कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले नेताओं को टिकट मिलने के विरोध में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी वंदना गुलेरिया ने बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया, जब पार्टी ने उनके छोटे भाई को धर्मपुर से टिकट दिया। नालागढ़ में बीजेपी के पूर्व विधायक के एल ठाकुर ने निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, जब पार्टी ने उस सीट पर उनकी जगह लखविंदर सिंह राणा को टिकट दिया। लखविंदर सिंह राणा हाल में ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। धर्मशाला में बीजेपी विधायक विशाल नैहरिया के करीब 200 समर्थकों ने पार्टी आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए राकेश चौधरी को टिकट दिए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया।