माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को एक बार फिर गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया है। कुछ दिन पहले भी उसे प्रयागराज लाया गया था और एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था। इसके बाद उसे वापस गुजरात की साबरमती जेल भेज दिया गया था। वहीं अब एक फिर उमेश पल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद की प्रयागराज के कोर्ट में पेशी है।
अतीक अहमद उमेश पाल की हत्या का मुख्य आरोपी है। बता दें कि उमेश पाल जो 2005 में बसपा विधायक राजू पाल (BSP MLA Raju Pal) की हत्या का गवाह था। अतीक राजू पाल हत्याकांड का भी आरोपी है। साबरमती जेल से अतीक अहमद को लाने और फिर अदालत के स्थगित होने पर उसे वापस ले जाने के लिए प्रयागराज से 37 पुलिस कर्मियों के साथ दो पुलिस वैन और दो एस्कॉर्ट वाहन भेजे जाते हैं। लगभग 1,275 किमी एक तरफ की यात्रा होती है। साबरमती जेल से प्रयागराज की अदालत में अतीक अहमद को पेश करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगभग 10 लाख रुपये खर्च कर रही है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अतीक को लाने ले जाने के लिए तैनात 37 पुलिसकर्मियों के वेतन और महंगाई भत्ते (DA) पर सरकार छह लाख रुपये खर्च करती है। यह आंकड़ा उनके औसत वेतन की गणना और डीए की राशि को जोड़ने के बाद चार दिनों के वेतन पर आधारित है। इसके अलावा तेल की लागत 3 लाख रुपये आती है।
एक पुलिस वैन की औसत माइलेज 5 किमी/लीटर है। इसे देखते हुए एक वैन में एक तरफ 255 लीटर डीजल की जरूरत होती है। इसकी कीमत करीब 25 हजार रुपए तक आती है। चूंकि अतीक अहमद के साथ दो पुलिस वैन हैं तो एक तरफ का खर्चा 50 हजार रुपए तक पहुंच जाता है। वैन प्रयागराज से साबरमती जेल जाती है और गैंगस्टर को लेकर प्रयागराज लौटती है। एक बार अदालती कार्यवाही समाप्त होने के बाद फिर वैन उसे वापस साबरमती जेल ले जाती है। लिहाजा दोनों वैन चार चक्कर लगाती हैं और डीजल की कीमत करीब 2 लाख रुपये होती है।
इसी तरह दो वाहन पुलिस एस्कॉर्ट के रूप में पीछा करते हैं, जिनका औसत माइलेज 12 किमी/लीटर है। एक तरफ की यात्रा के लिए प्रत्येक पुलिस एस्कॉर्ट कार में 107 लीटर डीजल की जरूरत होती है। लागत करीब 10 हजार रुपये आती है। अतीक को ले जाने वाली पुलिस वैन की तरह ही ये कारें भी चार चक्कर लगाती हैं। पुलिस एस्कॉर्ट वाहनों के लिए ईंधन की लागत 80,000 रुपये है।