Seelampur Building Collapse: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर में शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ, वेलकम इलाके में एक चार मंजिला इमारत जमीदोंस हो गई। सुबह 7:30 मिनट पर वो अचानक से गिरी जिस वजह से दो लोगों की दर्दनाक मौत हुई। इस हादसे में कई लोग मलबे के नीचे दब गए थे जिन्हें काफी चुनौतियों के बाद बाहर निकल गया।

लेकिन इस हादसे के बाद सभी के मन में एक सवाल लगातार आ रहा है- आखिर दिल्ली में इतनी इमारतें कैसे गिर रही हैं? क्या उनकी नींव कमजोर है? क्या बनाते समय लापरवाही बरती गई या फिर इसका कारण कुछ और है?

सीलमपुर हादसे को लेकर कहा जा रहा है कि जो इमारत ढही है, वो 15 साल पुरानी थी। इसके ऊपर जानकारी मिली है कि इस इमारत की कई सालों से मरम्मत नहीं की गई और इतनी पुरानी होने की वजह से यह जर्जर हो चली थी।

हादसे से पहले तक इस मकान में दो परिवार रह रहे थे, इसमें तीन महिलाएं, तीन बच्चे शामिल थे। लेकिन शनिवार सुबह यह इमारत गिर गई और इससे काफी नुकसान हुआ।

हादसे के तुरंत बाद मौके पर फायर ब्रिगेड की 7 गाड़ियां भेज दी गई थीं और तेजी से रेस्क्यू चलाया गया। वैसे हादसे को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि शुरुआत में लगा कि कोई बम ब्लास्ट हुआ है लेकिन बाद में पता चला कि इमारत ही धराशाई हो गई। इस इलाके में क्योंकि गलियां भी इतनी पतली थीं, ऐसे में रेस्क्यू करना भी एक अलग ही चुनौती रहा।

इससे पहले पुरानी दिल्ली के सदर बाजार के मिठाई पुल इलाके में गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 2 बजे तीन इमारतें ढह गईं। हादसा जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग तक बन रही दिल्ली मेट्रो की नई सुरंग के करीब घटित हुआ। इस हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि कुछ लोग घायल हुए। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।