गुजरात के दलित दूल्हे की बारात पर उच्च जाति के लोगों ने पथराव किया था। यह घटना अरावली जिले की मोदासा तहसील के खाम्बीसार गांव में हुई थी। उस दौरान दूल्हे के घोड़े को भी काफी चोट लगी थी और वह घायल हो गया था। अब उस घोड़े की मौत हो गई है। घोड़े की मौत के बाद पुलिस ने उच्च जाति के 43 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 429 (उपद्रव के दौरान पशु की मौत) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
12 मई को हुई थी घटना: पुलिस के मुताबिक, 12 मई को दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जयेश राठौड़ की शादी थी। बारात के लिए घोड़ी का इंतजाम किया गया था। बताया जा रहा है कि गांव में किसी दलित द्वारा घोड़ी मंगाने का यह पहला मामला था, जिसके बाद उच्च जाति के लोगों ने बारात पर पथराव किया था।
यज्ञ करके डाली थी रुकावट: पीड़ितों की शिकायत के मुताबिक, आरोपी दबंगों ने बारात को रोकने के लिए सड़क पर यज्ञ का आयोजन किया था। वहीं, जब बारात वहां से गुजरी तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसमें 16 महिलाओं और 27 पुरुषों को आरोपी बनाया गया था। सभी आरोपी पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते थे।
National Hindi News, 28 May 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
आरोपियों की जमानत याचिका खारिज: जयेश राठौड़ के वकील केवलसिंह राठौड़ ने बताया कि आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल कर रखी है। साथ ही, वे एफआईआर को झूठा भी बता रहे हैं। हमने पुलिस सुरक्षा में बारात निकाली थी। उसके बावजूद हम पर हमला किया गया। वहीं, जिस घोड़ी पर दूल्हा बैठा था, वह घोड़ी उस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी मौत हो गई है। पुलिस ने घोड़ी के मालिक केसरीसिंह चौहान का बयान भी दर्ज कर लिया है। ऐसे में कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
आरोपी अब भी फरार: जयेश के वकील ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं। वे बाहर से ही जमानत लेने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, मामले की जांच कर रहे डिप्टी एसपी एसएस गाध्वी ने बताया कि 12 मई की घटना के कुछ दिन बाद ही घोड़ी की मौत हो गई थी।

