मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के इंदौर पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा वाली तारीख को भारी वर्षा की कथित चेतावनी के नाम पर जिले के सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित करने और करीब 1,800 निजी बसों के अधिग्रहण पर केंद्र और राज्य सरकार सहित संबंधित विभागों को मंगलवार को नोटिस जारी किए। न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति डीके पालीवाल ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिन पक्षों से चार हफ्ते में जवाब मांगा, उनमें केंद्र और राज्य सरकार के साथ मौसम विभाग, प्रदेश का आदिम जाति कल्याण विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर के जिलाधिकारी और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं दीपक जोशी और अखिलेश जैन के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि उनके पक्षकारों ने इंदौर के जिलाधिकारी पी नरहरि के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें उन्होंने कथित रूप से इस आधार पर नौ अगस्त को सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी थी कि इस तारीख को मौसम विभाग ने भारी वर्षा की चेतावनी दी है। श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी ने अपने पद और अधिकारों के दुरुपयोग से जारी इस आदेश के जरिए करीब 1,800 निजी बसों का अधिग्रहण किया। इनमें ज्यादातर स्कूल बसें थीं। प्रधानमंत्री की सभा की तारीख को स्कूलों की छुट्टी घोषित किए जाने से हजारों छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की भारी वर्षा की कथित चेतावनी के नाम पर जिला प्रशासन के प्रधानमंत्री की सभा के लिए स्कूल बसों के अधिग्रहण के बहाने की पोल खुल गई, जब नौ अगस्त को इंदौर जिले में सामान्य बारिश हुई। देशभक्ति की भावना को मजबूत करने पर केंद्रित अभियान ‘70 साल आजादी, याद करो कुर्बानी’ की शुरुआत के लिए प्रधानमंत्री नौ अगस्त को अलीराजपुर जिले के भाबरा में चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली पहुंचे थे। उन्होेंने भाबरा से करीब 10 किलोमीटर दूर झोतराड़ा गांव में एक सभा को भी संबोधित किया था।

