Holi 2019: होली महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। देशभर में रंगों से बाजार सज चुके हैं। पर होली का असली आनंद हर वर्ष की तरह इस बार भी मथुरा-ब्रज में ही दिखने को मिलने जा रहा है। यहां होली के छोटे-बड़े उत्सव की शुरुआत हफ्ते दस दिन पहले से ही हो जाती है। देश में होली 21 मार्च को मनाए जाने की तैयारी है। कुछ स्थानों पर 22 मार्च को भी होली खेली जाएगी लेकिन वृंदावन, मथुरा में होली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। अगर आप भी यहां की मशहूर लड्डू होली, लठमार होली, फाग महोत्सव और रंगभरी एकादशी जैसे होली कार्यक्रमों का आनंद लेना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कहां इस बार कैसे होली मनाए जाने की तैयारी है।
14 को लड्डू होलीः आज बरसाने में लड्डू होली खेली जा रही है. बरसाने में लड्डू होली की तैयारियां काफी हद तक हो चुकी हैं। मंदिर परिसरों में इसलिए लड्डू बनाए जा चुके हैं। साथ ही श्रद्धालु भी जुटने लगे हैं।
15 मार्च को लठमार होली: इस साल बरसाने में लठमार होली 15 मार्च यानी शुक्रवार को खेली जाएगी। कुंज की गलियों में इसे लेकर खासा इंतजाम किया जा रहा है। इस मौके पर यहां लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद की जा रही है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था भी कड़े कर दिए हैं। प्रशासन मेले की सुरक्षा को लेकर कई संगठनों के साथ बैठकर कर चुका है। कहा जा रहा है कि इस बार कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई अव्यवस्था ना हो। बता दें कि बरसाने में इस मौके लठमार होली मेला भी मनाया जाता है जिसमें देश से ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु आते हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन की ओर से 1700 जवानों को तैनात किया जा रहा है।
बरसाना में मंदिर के पट होंगे बंद: लठमार होली के दौरान नंदगांव और बरसाना में मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस बार राधा और कृष्ण ध्वजा रूप में होली खेलने जाएंगे।
16 मार्च को फाग महोत्सव: मथुरा-ब्रज में 16 मार्च को कई स्थानों पर फाग महोत्सव मनाया जा रहा है। केशव धाम के पास एक संस्था की ओर से फाग महोत्सव मनाए जाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इसके अलावा कई आश्रम की ओर से भी इसी दिन से होली महोत्सव की शुरुआत होगी। 16 से 18 मार्च के बीच कपिल कुटीर सांख्य योग आश्रम में राधिका बिहारी महाराज की शोभायात्रा के साथ आयोजन की शुरुआत होगी।
17 मार्च को रंगभरी एकादशी: मथुरा-ब्रज में 17 मार्च को रंग भरी एकादशी का आयोजन किया जाएगा. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव पार्वती का गौना कराकर ले गए थे. इसके बाद ही असली होली महोत्सव की शुरुआत होती है।