दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सीईओ उदित प्रकाश राय को स्मारक गिराने और नया सरकारी आवास बनाने के लिए नोटिस जारी करने के बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट ने DJB के पांच इंजीनियरों को भी घटना में शामिल होने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा। इससे पहले पुरातत्व विभाग ने दिल्ली जल बोर्ड को पत्र लिखकर पूछा था कि DJB के सीईओ के आधिकारिक बंगले के लिए स्मारक को क्यों तोड़ा गया?
दिल्ली जल बोर्ड ने ऐतिहासिक धरोहर पर बना दिया CEO का बंगला
बुधवार को, द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 2007 बैच के आईएएस (एजीएमयूटी कैडर) अधिकारी उदित प्रकाश राय को 1418 के ‘पठान काल’ महल को गिराने और उसके स्थान पर सरकारी आवास बनाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
नोटिस में, विभाग ने कहा कि इंजीनियरों ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर तत्कालीन डीजेबी सीईओ के लिए अवैध रूप से एक आवासीय भवन का निर्माण करने में सक्रिय भूमिका निभाई ताकि अपने सीनियर्स को खुश कर सकें। अधिकारी इस बात से भी अवगत थे कि वहां एक स्मारक/विरासत मौजूद थी और उन्होंने तत्कालीन सीईओ और अन्य लोगों को आवास के निर्माण के लिए सभी मानदंडों के विरुद्ध सहायता की।
विजिलेंस डिपार्टमेंट ने 5 इंजीनियरों को भेजा नोटिस
जिन इंजीनियरों को नोटिस जारी किया गया था उनमें वीरेंद्र कुमार, दीपक श्रीवास्तव, राजीव शर्मा, अनूप गोयल और ललित गुलयानी के नाम शामिल हैं। चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार को भेजे गए नोटिस में विभाग ने कहा, “वह व्यक्तिगत रूप से और साथ ही साथ विरासत स्मारक की मूल स्थिति को बहाल करने के लिए संयुक्त रूप से जिम्मेदार थे। अपनी चूक से अधिकारी ने सुनिश्चित किया कि स्मारक को पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा गया और इसके बजाय अपने गुप्त उद्देश्यों और फायदे के लिए और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को खुश करने के लिए इसे ध्वस्त कर दिया।”
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने एलजी सक्सेना को पत्र लिखकर की जांच की मांग
इस बीच, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गुरुवार को एलजी वीके सक्सेना को पत्र लिखकर स्मारक को गिराए जाने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला है कि डीजेबी ने 2021 के कोविड चरण के दौरान एक संरक्षित स्मारक को ध्वस्त करने का घृणित कार्य किया और उसके बाद तेजी से वहां 600 वर्गमीटर का बंगला बनवाया।”
(Story by Gayathri Mani)
