Allahabad High Court on Hindu Marriage: हिंदू विवाह की वैधता और रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हिंदू विवाह की वैधता केवल पंजीकरण पर निर्भर नहीं है। ऐसे में अगर किसी का विवाह रजिस्टर नहीं है, तो ऐसा नहीं है कि उसकी शादी को अमान्य माना जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि मैरिज रजिस्ट्रेश महज एक साक्ष्य है, न कि विवाह की वैधता का आधार।
दरअसल, ये मामला आजमगढ़ के रहने वाले सुनील दुबे और उनकी पत्नी मीनाक्षी का है, जिन्होंने फैमिली कोर्ट में 23 अक्टूबर 2024 को हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 13 (बी) के तहत आपसी सहमति से तलाक की याचिका दायर की थी। फैमिली कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पति सुनील दुबे को मैरिज सर्टिफिकेट दायर करने का निर्देश दिया था।
फैमिली कोर्ट ने खारिज किया था तलाक का आवेदन
फैमिली कोर्ट के निर्देश को लेकर सुनील दुबे की तरफ से प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में छूट की मांग की थी। इसके एवज में फैमिली कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को उनका तलाक का आवेदन खारिज कर दिया था। फैमिली कोर्ट ने कहा था कि नियमों के अनुसार विवाह प्रमाण पत्र दाखिल करना अनिवार्य है। फैमिली कोर्ट के आदेश को याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
यह भी पढ़ें: खाली गोलपोस्ट में गोल नहीं दाग पाए भाजपा के मंत्री, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने ट्विटर पर ली मौज; देखें Video
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस मनीष कुमार निगम की सिंगल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि विवाह पंजीकरण का उद्देश्य केवल विवाह को साबित करने का सुविधाजनक साधन उपलब्ध कराना है। इसकी अनुपस्थिति में विवाह की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ता। हाई कोर्ट ने यह क्लियर किया है कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 8(5) में प्रावधान है कि विवाह का पंजीकरण न होना इसे अमान्य नहीं बनाता।
फैमिली कोर्ट को दिए गए निर्देश
हाई कोर्ट ने कहा कि 2010 में हुआ विवाह चूंकि पंजीकृत नहीं था, इसलिए विवाह प्रमाणपत्र दाखिल करने की आवश्यकता ही नहीं थी। इसके चलते हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का 31 जुलाई 2025 का आदेश रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि विवाह प्रमाणपत्र की मांग पूरी तरह अनुचित रही। अदालत ने आजमगढ़ फैमिली कोर्ट को लेकर निर्देश दिया कि वह लंबित तलाक याचिका पर जल्द निर्णय ले और दोनों पक्षों को अपने साक्ष्य पेश करने का अवसर भी प्रदान करें।
यह भी पढ़ें: ‘हम सत्य और संविधान की रक्षा करते रहेंगे’, कांग्रेस दफ्तर पर बीजेपी के प्रदर्शन के बाद बोले राहुल गांधी
