शनिवार की शाम बेंगलुरु के सेंट मार्क्स रोड पर मौजूद आशीर्वाद केंद्र में एक हिन्दू परिवार ने इफ्तार डिनर का आयोजन किया। आयोजकों के मुताबिक यह लगातार दूसरे वर्ष समुदायों को एक साथ लाने के प्रयास में किया गया एक कार्यक्रम था। इस इफ्तार डिनर के आयोजकों में से एक वेंकट के मुताबिक 2022 में रामनवमी के आसपास तमिलनाडु के यरकौड में एक पारिवारिक यात्रा के दौरान उन्हें इस आयोजन की प्रेरणा मिली थी। उन्होने बताया कि उस दौरान एक दंगा भड़क गया था। जिससे प्रभावित होकर उनकी मां मीनाक्षी श्रीनिवासन पर गहरा असर पड़ा था। वह भगवान राम की भक्त हैं।

उन्होंने कहा, “अम्मा बहुत परेशान थीं। यह हिंसा उस राम का हिस्सा नहीं थी जिसकी वह पूजा करती थी, क्योंकि वह सभी लोगों में राम को देखती है। इसलिए सभी से प्यार मोहब्बत का पैगाम देने के लिए इस इफ्तार का आयोजन किया गया है” उन्होंने कहा कि यह इफ्तार वास्तव में कुछ असामान्य नहीं होना चाहिए। यह बहुत सामान्य बात है जो अब असामान्य हो गई है।

वेंकट कहा कि जिस तरह से उनका और उनकी बहन का पालन-पोषण हुआ है, उससे भी उन्हें एक यह सीख मिली है। उन्होंने कहा, “कलकत्ता में पल रहे एक तमिल परिवार के रूप में हमने सीखा है कि हम अपने पड़ोसियों की मदद करेंगे और हमारे पड़ोसी हमारी मदद करेंगे।

इस परिवार ने 2022 में पहली बार ऐसी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जिसमें 65 लोगों ने हिस्सा लिया था। परिवार ने यहां पहुंचे सभी लोगों के लिए फल और खाने के दूसरे व्यंजनों की व्यवस्था भी की थी।

इफ्तार पार्टी में पहुंचे मेहमानों में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर भी शामिल थे। तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा, “जब हम सभी अपने चारों ओर की नफरत पर गहरे दुख का अनुभव कर रहे हैं…इस तरह के आयोजन के लिए नैतिक साहस और ताकत पाने के लिए, मैं अम्मा को धन्यवाद देना चाहती हूं। उन्होंने पिछले साल और इस साल इस तरह का आयोजन कर एक बेहतर मिसाल पेश की है।