हिमाचल प्रदेश विधानसभा भवन (Himachal Pradesh Legislative Assembly) के मुख्यद्वार पर खालिस्तान का झंडा लगे होने का मामला सामने आया है। सुबह स्थानीय लोगों ने खालिस्तान का झंडा विधानसभा भवन के मेन गेट पर लगा देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद, पुलिस टीम मौके पर पहुंची और विधानसभा के मुख्यद्वार के साथ लगाए गए झंडे को हटाया गया।
विधानसभा भवन के बाहर दीवारों पर ‘खालिस्तान’ लिख दिया गया था, जिसे पुलिस की टीम ने सुबह मिटाया। ये किसकी शरारत है, पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज के जरिए खालिस्तान के झंडे व पोस्टर लगाने वालों की पहचान करने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल, इसको लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है।
कांगड़ा के एसपी खुशाल शर्मा ने पूरे मामले पर कहा,”हो सकता है कि आज देर रात या सुबह-सुबह ये किया गया हो। हमने विधानसभा गेट से खालिस्तान के झंडे हटा दिए हैं। यह पंजाब से आए कुछ पर्यटकों की हरकत हो सकती है। हम इस मामले में केस दर्ज करने जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं इस कायराना हरकत की निंदा करता हूं। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्राथमिकी दर्ज दर्ज हो गई है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।”
दरअसल, इसकी जानकारी सुबह लगी, जब लोगों ने विधानसभा के मेन गेट और बाउंड्री वॉल पर खालिस्तान के पोस्टर लगे देखे। झंडे पर पंजाबी भाषा में खालिस्तान लिखा हुआ था। विधानसभा के गेट पर खालिस्तानी झंडे कैसे लगे, इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठने लगे हैं। फिलहाल, पुलिस की टीम इस मामले की जांच में जुट गई और खालिस्तान के झंडे-पोस्टर लगाने वालों की तलाश की जा रही है।
खालिस्तानी समर्थकों ने सीएम जयराम ठाकुर को दी थी धमकी
कुछ दिनों पहले, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खालिस्तानी समर्थकों ने धमकी दी थी। प्रतिबंधित झंडे और पोस्टर को लेकर विवाद पर गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने सीएम जयराम ठाकुर को धमकी दी थी और कहा था कि 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराएंगे। वहीं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस धमकी को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, इस प्रकार की धमकी पहले भी दी जा चुकी है।