हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में कला, साहित्य, स्थानीय खानपान, पर्यटन और पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए दो दिवसीय ‘धौलाधार महोत्सव’ का आयोजन किया गया। 20 और 21 मार्च को आयोजित धौलाधार महोत्सव के अलग-अलग सत्रों में देश की तमाम नामचीन हस्तियों नें हिस्सा लिया। इसमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय लेखकों, चिंतकों और प्रकाशकों, संगीत और सिनेमा, मीडिया जगत से जुड़े लोगों के साथ-साथ पर्यावरण कर्मियों ने शिरकत की और तमाम आयामों पर गहन मंथन हुआ। इस दौरान देशभर में पर्यावरण संवर्धन-संरक्षण की दिशा में काम कर रही संस्था हरियाली क्रांति की टीम भी मौजूद रही।

राग-दरबारी पर हुई चर्चा: ‘धौलाधार महोत्सव’ के अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर पैनल डिस्कसन और चर्चा का आयोजन किया गया। इन्हीं में से एक सत्र में श्रीलाल शुक्ल के प्रसिद्ध उपन्यास ‘राग-दरबारी’ पर भी चर्चा हुई। इस चर्चा में शामिल चर्चित लेखक और चुनाव विश्लेषक यशवंत देशमुख ने कहा कि राग-दरबारी एक ग्रंथ की तरह है, जिसे सबको पढ़ना चाहिए।

उन्होंने इस उपन्यास के पात्रों का जिक्र करते हुए कहा “जब हमारा बॉस हमें देखता है तो उसे हमारे अंदर शनीचर दिखता है और जब हम अपने मातहत को देखते हैं तो हमारे अंदर के वैद्य जी जाग जाते हैं”। इसी तरह समारोह के एक अन्य सत्र में चर्चित गीतकार राजशेखर ने अपने सफर और लेखन के बारे में विस्तार से बात की।

पौधरोपण के साथ-साथ वितरण भी: धौलाधार महोत्सव में पीपल बाबा के नाम से चर्चित स्वामी प्रेम परिवर्तन के नेतृत्व वाली ‘गिव मी ट्रीज ट्रस्ट’ (Give Me Trees Trust) के प्रशिक्षित पर्यावरण कर्मियों ने महोत्सव में आये लोगों को किचन गार्डनिंग का पैकेट, कम्पोस्ट खाद व इंडोर प्लांटिंग से जुड़े पौधे और आउटडोर भी वितरित किये।

साथ ही साथ हरियाली बढ़ाने से जुड़े इन समानों को कैसे उपयोग में लाया जाय, इसके बारे में बाकायदा जानकारी भी दी। उनका कहना था हम अपने फ्लैट की बालकनी और छत पर भी छोटे पौधे उगाकर ऑक्सीजन बढ़ाने का उपाय कर सकते हैं। घर के अंदर भी डेकोरेशन बढ़ाने वाले पौधे लगाए जाने की पहल की जानी चाहिए।

पहाड़ों का कचरा साफ कर लगाया पौधा: 21 मार्च को अंतराष्ट्रीय वन्य दिवस के अवसर पर धौलाधार महोत्सव में शामिल लोगों ने एक खास उद्देश्य से ट्रैकिंग की। इस ट्रैकिंग के दौरान रास्ते के पहाड़ों पर बिखरे कचरे को साफ किया गया। साथ ही हरियाली क्रांति की टीम ने पौधरोपण किया। खास बात यह रही कि इस पौधरोपण अभियान में स्थानीय लोग भी जोशो-खरोस के साथ शामिल हुए। स्थानीय निवासियों हरियाली क्रांति की टीम द्वारा लगाए पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी भी ली।

‘हर ओर हरियाली, हर घर खुशहाली’: आपको बता दें कि हरियाली क्रांति देश में पर्यावरण संवर्धन के लिए मशहूर पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा के नेतृत्व में चलाई जा रही एक अनूठी मुहीम है। इस मुहीम के तहत Give Me Trees Trust संस्था देशभर में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करने का काम कर रही है। इसमें पौधरोपण, पौधा वितरण, कार्यशाला, जागरुकता अभियान शामिल हैं।

इस अभियान का नारा “हर ओर हरियाली, हर घर खुशहाली” और लक्ष्य सम्पूर्ण हरियाली रखा गया है। संस्था से जुड़े देश के चर्चित कैंपेन डिजाइनर बद्रीनाथ के मुताबिक यह दुनिया का पहला सिटीजन टू सिटीजन अभियान है, जिसमें हर एक नागरिक अपनी भागीदारी निभा सकता है। क्योंकि हर नागरिक का साल में एक बार जन्मदिवस तो आता ही है और वह इसे हरियाली दिवस के रूप में मनाकर पर्यावरण सम्वर्धन में अपना योगदान दे सकता है।