देश में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए लगातार मांग उठती रही है। इसी बीच हिमाचल सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने और उन्हें सूचना के अधिकार के तहत लाने के लिए मसौदा तैयार कर लिया है। शिक्षा निदेशालय ने सभी उप निदेशकों को निर्देश जारी कर कहा कि निजी स्कूल अब हर साल एडमिशन फीस नहीं वसूल सकेंगे। साथ ही कोई स्कूलों में कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां नहीं हो सकेंगी।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा निदेशालय ने सभी उप निदेशकों को निर्देश जारी कर कहा है कि प्रदेश के निजी स्कूलों में कॉपियां, किताबें, जूते या वर्दी बेचने जैसी कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां नहीं हो और स्कूल अब हर साल एडमिशन फीस नहीं वसूलें। साथ ही निर्देश में यह भी कहा गया कि अगर ऐसा मामला सामने आता है तो संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा निदेशालय के निर्देशों के बाद प्रदेश भर में स्कूल शिक्षा बोर्ड के पास रजिस्टर्ड करीब 1225 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों समेत पांचवीं और आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों को राहत मिलेगी। उन्हें फिर से दाखिला नहीं करवाना होगा।
गौरतलब है कि देश में करीब 2298 बड़े निजी स्कूल हैं, जिनमें से कई संस्थान मनमानी करते हुए शिक्षा के नाम पर कारोबार कर रहे हैं। बता दें कि संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा निदेशालय की डॉ. सोनिया ठाकुर ने कहा था कि निजी स्कूलों को आरटीआइ के दायरे में लाया जाएगा। जिसके बाद सभी निजी स्कूलों को आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना देनी होगी। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाइ की जाएगी।