Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के भीतर राजनीतिक संकट अपने उफान पर है। जिसकी मुख्य वजह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र और प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य हैं। यह सियासी संकट राज्यसभा चुनाव के दौरान शुरू हुआ, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सरगर्मी उस वक्त और बढ़ गई, जब विक्रमादित्य ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सरकार में मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया। साथ ही सुक्खू सरकार पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए। साथ ही विक्रमादित्य की मां ने भी सुक्खू सरकार पर कई आरोप लगाए।
इसी बीच शुक्रवार को एक बार फिर से प्रतिभा सिंह ने बड़ा बयान दिया। प्रतिभा सिंह से जब मीडिया कर्मियों ने पूछा कि क्या बीजेपी उन्हें मंडी से मैदान में उतारकर विक्रमादित्य सिंह को अपने पाले में लाना चाहती है?
इस पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘हमने इस बारे में नहीं सोचा है। हम उनके संपर्क में नहीं हैं। भगवान जाने क्या स्थिति होगी यह आने वाला समय ही बताएगा है। यह आलाकमान को तय करना है कि कांग्रेस पार्टी किसे मैदान में उतारना चाहती है और टिकट देना चाहती है। इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। हम उनके आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे।’
प्रतिभा सिंह ने कहा कि देखते हैं क्या होता है। मैंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी में बिताया है। हमारी शुरुआत कांग्रेस पार्टी से हुई है। हम कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं। मैं नहीं कह सकती कि कल क्या हो सकता है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या वे अयोग्य ठहराए गए छह कांग्रेस विधायकों से मिलेंगी? इस सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने कहा, “फिलहाल वे कड़ी सुरक्षा में हैं। इसलिए, उनसे मिलना आसान नहीं है… मैं उनसे संपर्क नहीं कर सकती, क्योंकि उनके फोन बंद हैं।” उन्होंने कहा कि पूरे इलाके को घेर लिया गया है। आप उनसे बात नहीं कर सकते, आप उनसे मिल नहीं सकते। यह आसान नहीं है। देखते हैं क्या स्थिति बनती है।”