हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देव व्रत ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कहा कि विदेशी गायों का दूध मनुष्यों के लिए हानिकारक होता है। उन्होंने कहा कि होलस्टेन फ्रीजयन और जर्सी जैसी विदेशी गायों के दूध के सेवन से आक्रामता और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। देव व्रत ने देसी गाय के दूध के सेवन पर जोर दिया और उसके गोबर और मूत्र से बनी खाद से सफलता पूर्वक की जाने वाली जैविक खेती के बारे में बताया। आचार्य देव व्रत गोरखपुर में गोरक्षनाथ मंदिर में चल रहे ‘साप्ताहिक पुण्यतिथि समारोह’ के मौके पर आयोजित ‘भारतीय संस्कृति में गौ-सेवा का महत्व’ कार्यक्रम में बुधवार (26 सितंबर) को बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों को सलाह दी कि वे अच्छी सेहत के लिए देसी गाय के दूध का सेवन करें। स्थानीय मीडिया के मुताबिक आचार्य देव व्रत ने बताया कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित गांव में 200 एकड़ में 300 गायों वाली उनकी एक गोशाला है। उन्होंने बताया कि वह कि प्रकार गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल कर जीरो बजट वाली अत्यधिक उत्पादन वाली स्वदेशी खाद, ‘जीव अमृत’ से खेती करते हैं।

देव व्रत ने दावा किया गाय के गोबर और मूत्र से बनी खाद प्राकृतिक रूप से मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि उनके सफल प्रयोगों को हरियाणा ने अपनाया है और सरकार ने किसानों को खाद बनाने संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए 25 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के द्वारा गायों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। अध्यापन का लंबा अनुभव रखने वाले राज्यपाल ने दावा किया कि एक देसी गाय से 30 एकड़ जमीन के लिए जीव अमृत खाद बनाई जा सकती है, जबकि एक एकड़ जमीन के लिए वैसी ही खाद बनाने के लिए 20 विदेशी गायों की जरूरत पड़ेगी।

देव व्रत ने कहा कि उनके दिशा-निर्देश में हिसार, कुरुक्षेत्र और नैनी के विश्वविद्यालयों में किए गए शोध में आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया कि देसी गाय के एक ग्राम गोबर में 2 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ उर्वरा शक्ति को बढ़ाने वाले जीवाणु होते हैं जबकि विदेशी गाय के एक ग्राम गोबर में 60-70 लाख जीवाणु होते हैं। आचार्य देव व्रत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर गाय को गुड़ भी खिलाया।