हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश कहर बरपा रही है। जिसका असर आम-आदमी की जिंदगी पर देखने को मिल रहा है। शनिवार को शिमला जिले के चौपाल में चार मंजिला इमारत भरभरा कर ढह गई। बताया जा रहा है कि बहुमंजिला इमारत की नींव कच्ची थी।
प्रदेश में भारी बारिश से लगातार जानमाल के नुकसान का सिलसिला जारी है। पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कुल्लू और बिलासपुर में बादल फटने की बड़ी आपदाओं के साथ चंबा, मंडी और शिमला जिले में भारी नुकसान है।
जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त इमारत में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। बताया जा रहा है कि इमारत को असुरक्षित देखते हुए प्रशासन ने इस बहुमंजिला भवन को खाली करवा लिया था। इमारत में यूको बैंक की शाखा के साथ रेस्तरां और ढाबे भी चल रहे थे।
केदरानाथ यात्रा पर प्रशासन ने लगाई रोक-
उत्तराखंड में जारी केदारनाथ यात्रा को प्रशासन ने रोक दिया है। अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए हादसे के बाद प्रशासन ने कदम उठाते हुए इसपर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। प्रशासन ने यह फैसला मूसलाधार बारिश होने के चलते लिया है, ताकि कोई घटना न घटे और यात्री सुरक्षित रहें। मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया था और रुद्रप्रयाग जिले में काफी समय से भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई जगहों पर पत्थर भी गिरे हैं, जिससे हाईवे पर सफ़र करना खतरे से कम नहीं है।
कुल्लू में फटा था बादल
वहीं 6 जुलाई को कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। घाटी के मलाणा में बादल फटने के कारण आई बाढ़ से जहां स्थानीय लोगों के आठ से 10 करीब वाहन बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। उधर शिमला के धाली इलाके में मंगलवार शाम को भारी बारिश के बीच एक लड़की की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। जब भूस्खलन हुआ तब लड़की सड़क किनारे सो रही थी। घायल लोगों को बचा लिया गया था और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मलबे की चपेट में कुछ वाहन भी आए थे। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा पर प्रशासन ने रोक लगा दी।