हिमाचल प्रदेश से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां चार साल से मीटिंग में शामिल नहीं हो रहे एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी पर पांच रुपये का जुर्माना लगाया गया। हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले के टौणीदेवी में लोक निर्माण विभाग (PWD) के एक अधिकारी पर लगातार चार साल तक पंचायत समिति की बैठक में शामिल नहीं होने की वजह से पांच रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
समिति के अध्यक्ष हरीश शर्मा ने मंगलवार को बताया कि पंचायत समिति हमीरपुर की त्रैमासिक बैठक में लोक निर्माण विभाग मंडल टौणीदेवी के अधिकारी पर जुर्माना लगाया गया है। हमीरपुर पंचायत समिति की त्रैमासिक बैठक सोमवार को शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विकास कार्यों की नई रूपरेखा तैयार करने के साथ 15वें वित्त आयोग के बजट पर भी चर्चा की गई। इसमें ब्लॉक समिति सदस्यों के अलावा बीडीसी उपाध्यक्ष संजीव शर्मा और बीडीओ हमीरपुर हिमांशी शर्मा भी मौजूद रहे।
PWD अधिकारी बार-बार चेतावनी के बावजूद बैठक से अनुपस्थित रहे
बीडीसी चेयरमैन हरीश शर्मा ने कहा कि टौणी देवी मंडल के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बार-बार चेतावनी के बावजूद बैठक से अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इससे विभागीय विकास कार्य प्रभावित हो रहा था। सभी सदस्यों की सहमति से निर्णय लिया गया है कि पांच रुपये का जुर्माना लगाया जाए। हालांकि, लोक निर्माण विभाग मंडल के अभियंता देवराज ने बताया कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं थी।
हिमाचल प्रदेश में पंचायतों का पुनर्सीमांकन
हिमाचल प्रदेश में पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कुछ क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं, कुछ की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। पढ़ें- देशभर की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(भाषा के इनपुट के साथ)