इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक टिप्पणी इस समय चर्चा का विषय बन चुकी है। असल में एक बुजुर्ग दंपति का संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है, उस विवाद पर सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज ने कहा है कि लगता है कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है।
पूरा मामला समझिए
जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला अलीगढ़ का है, 80 साल के मुनेश कुमार गुप्ता और 76 साल की गायत्री देवी के बीच में संपत्ति को लेकर पिछले कई सालों से झगड़ा चल रहा है। उस झगड़े के बाद से ही दोनों अलग रह रहे हैं। सबसे पहले यह मामला फैमिली कोर्ट में गया था जहां पर गायत्री देवी ने मांग की थी कि उनके पति उन्हें कम से कम महीने के ₹15000 दें। वहीं दूसरी तरफ तर्क दिया जा रहा था कि उनके पति को पेंशन के रूप में 35000 रुपए मिलते हैं।
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हाई कोर्ट में क्या हुआ?
लेकिन तब फैमिली कोर्ट ने कहा था कि 5000 रुपये का गुजारा भत्ता गायत्री देवी को दिया जा सकता है। लेकिन पति मुनेश को वो भत्ता देना भी मंजूर नहीं था, इसी वजह से फैमिली कोर्ट के आदेश को भी चुनौती देने का काम हुआ। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। उस सुनवाई के दौरान ही समझौता कराने की कोशिश हुई है, बुजुर्ग दंपत्ति को समझाने का प्रयास दिखा है।
जज ने क्यों बोला कलयुग आ गया?
उस सुनवाई के दौरान ही जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि लगता है कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है। अभी के लिए हाई कोर्ट मान कर चल रहा है कि जब इस मामले की अगली सुनवाई होगी, यह बुजुर्ग दंपत्ति किसी न किसी समझौते पर जरूर पहुंच जाएगा। वैसे इससे पहले भी अदालत के पास संपत्ति से जुड़े कई विवाद आए हैं, गुजारा भत्ता को लेकर भी समय-समय पर फैसले आ चुके हैं।