उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अस्पताल की निष्ठुरता का एक और मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां तेज बुखार से पीड़ित एक बच्चे के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस देने से इनकार कर लिया। ऐसे में मां को अपने बच्चे को हाथों में ही उठाकर ले जाने के लिए मजबूर किया गया। वहीं, रास्ते में ही बेटे ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की पार्किंग में 3 एंबुलेंस खड़ी थीं, लेकिन हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने एक भी गाड़ी देने से इनकार कर दिया।

परिजनों ने लगाया यह आरोप: परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को तेज बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्चे के पिता ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, ‘‘बच्चे की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। ऐसे में डॉक्टरों ने बच्चे को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया। हमने दूसरे अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस मांगी, लेकिन उसके लिए इनकार कर दिया गया। अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि दूसरे अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस नहीं दी जाती है।’’

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पैसे नहीं थे, इसलिए पैदल जा रहे थे दूसरे अस्पताल: बच्चे के पिता का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में वह पैदल ही अस्पताल जा रहे थे। बच्चे की मां ने बताया कि वह बच्चे को अपने हाथों में लेकर अस्पताल जा रही थी, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

अस्पताल ने आरोपों को नकारा: इस मामले में संबंधित अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे के परिजनों के आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि एंबुलेंस के लिए मना नहीं जाता है। परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं।

अस्पताल ने परिजनों पर लगाया आरोप: इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर अनुराग पाराशर का कहना है कि अफरोज नाम के बच्चे को सुबह 8 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत काफी खराब थी तो बच्चे को लखनऊ ले जाने की सलाह दी गई। पाराशर का आरोप है कि परिजनों ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने बच्चे को जहां चाहेंगे, वहां ले जाएंगे। इसके बाद वे अपने बच्चे को लेकर अस्पताल से चले गए।