आगरा में दुनियाभर के लोग ताजमहल देखने आते हैं। यह भारत में पर्यटन और दर्शनीय स्थलों के मुख्य केंद्रों में से एक है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से ताजमहल के मुख्य गुंबद में लीकेज होने से यह चर्चा का विषय बन गया है। बारिश के चलते ताजमहल परिसर का एक उद्यान पानी में डूब गया है। इस पूरी घटना को कई पर्यटकों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इससे खलबली मच गई। हालांकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने साफ किया कि मुख्य गुंबद में लीकेज से ताजमहल के मुख्य ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

ASI ने ड्रोन से कराई जांच

एएसआई आगरा सर्कल के प्रमुख राजकुमार पटेल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह सीपेज था, जिससे गुंबद में रिसाव हुआ, और ताजमहल की स्थिति सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि गुंबद की ड्रोन से जांच कराई गई है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पानी से कोई गंभीर क्षति तो नहीं हुई है।

हजारों टूर गाइडों की जीविका ताजमहल से चलती है

स्थानीय टूर गाइडों ने भी इस मामले पर अपनी चिंता जताई। सरकार से अनुमोदित टूर गाइड मोनिका शर्मा ने कहा, “ताजमहल हमारे शहर और देश का गौरव है। यह न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि हजारों स्थानीय निवासियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का रोजगार भी इसी पर निर्भर है। इसलिए इसकी उचित देखभाल अत्यावश्यक है।”

ताजमहल विश्व प्रसिद्ध स्मारक है। इसका निर्माण 1632 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में लगभग 22 साल लगे। यह पूरी तरह से 1653 में बनकर तैयार हुआ था। ताजमहल में समय-समय पर मरम्मत और संरक्षण के प्रयास किए जाते हैं, ताकि इसे संरक्षित रखा जा सके। हाल के वर्षों में प्रदूषण और यमुना नदी के जलस्तर में कमी जैसी समस्याओं के कारण इसके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

लगातार बारिश के कारण आगरा में जलभराव की समस्या बढ़ गई है। मुख्य सड़कों से लेकर खेतों और शहर के पॉश इलाकों तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर शहर के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है, ताकि बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।