संभल की शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में हिंदू पक्ष के दावे को खारिज करने को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को चंदौसी के दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग) की अदालत में सुनवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई अब 8 जनवरी 2026 को होगी।
शाही जामा मस्जिद पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने यहां बताया कि दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग) आदित्य सिंह की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि अगले साल 8 जनवरी नियत की है। हिंदू पक्ष के वकील श्रीगोपाल शर्मा ने बताया कि हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर 2024 को अदालत में एक दावा पेश किया था जिसमें कहा गया था कि शाही जामा मस्जिद पुरातत्व विभाग की संपत्ति है तो इसमें सभी पक्षों को वहां जाने की अनुमति दी जाए।
अदालत ने दिया था मस्जिद के सर्वे का आदेश
हिंदू पक्ष के वकील शर्मा के अनुसार उसके बाद उसी दिन अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया था। उसी दिन सर्वे भी हो गया था। कोर्ट कमिश्नर ने एक बार फिर सर्वे की इजाजत मांगी थी, जिसके बाद 24 नवंबर को सर्वे किया गया था।
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इस दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसमें गोली लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी और अनेक अन्य जख्मी हो गए थे। मस्जिद प्रबंधन समिति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए सर्वे रिपोर्ट दाखिल होने के बाद मामले की होने वाली सुनवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन हाई कोर्ट ने दीवानी न्यायाधीश (वरिष्ठ संभाग) के सर्वे के आदेश को सही माना और याचिका को खारिज कर दिया।
शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हुई थी हिंसा
मस्जिद समिति ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उस पर फैसला सुनाए जाने तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से दीवानी न्यायाधीश आदित्य सिंह ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 जनवरी नियत कर दी। पिछले साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान संभल में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली के खिलाफ नामजद तथा 2750 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
