Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को एक महिला वकील, उसके मुवक्किल और एक अन्य वकील के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए दिल्ली पुलिस के एसआई को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ‘उसे कानून का रक्षक होना चाहिए, न कि भक्षक।” महिला वकील ने जज को मामले की जानकारी दी। इसके बाद आदेश पारित किया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आदेश में कहा गया है कि इस न्यायालय परिसर में घटित एक अप्रिय घटना के संबंध में शिकायत का संज्ञान लिया जा रहा है। जस्टिस अरुण मोंगा द्वारा पारित आदेश में कहा गया है, “मामले के जांच अधिकारी ने न केवल आवेदक और शिकायतकर्ता के वकील के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया, बल्कि उन्हें धमकाया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी, यहां तक कि उन पर शारीरिक हमला भी किया।”
खाकी वर्दी को अंहकारी नहीं बना सकते- कोर्ट
इसमें कहा गया है, “जब एक विद्वान वरिष्ठ वकील ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उनके साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया।” इस आधार पर, मेरा मानना है कि एसआई नरिंदर की ओर से इस तरह के कदाचार को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।” आदेश में कहा गया, “उन्हें कानून का रक्षक माना जाता है, न कि भक्षक। वह अपनी खाकी वर्दी को इस हद तक अहंकारी नहीं बना सकते कि न केवल इस न्यायालय के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करें, जो न्याय के निर्वहन में न्यायालय की मदद करने का सम्मानजनक कर्तव्य निभा रहे हैं, बल्कि उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दें, सिर्फ इसलिए कि वह खुद को कानून से ऊपर समझते हैं। बहरहाल, पूरे मामले की जांच एसीपी से नीचे के पद के अधिकारी द्वारा नहीं की जानी चाहिए।”
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कोर्ट ने जीरो एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश
अदालत ने कोर्ट में मौजूद दक्षिण रोहिणी थाने के इंस्पेक्टर किशोर कुमार को संबंधित धाराओं के तहत जीरो एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। एफआईआर दर्ज कर तिलक मार्ग थाने को भेज दी गई। बाद में राज्य के वकील उपस्थित हुए और कहा कि एसआई नरिंदर ने संबंधित वकील से बिना शर्त माफी मांग ली है और उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए। हालांकि, जज ने आदेश में कहा, “मेरा मानना है कि एसआई नरिंदर के आचरण को देखते हुए, हलफनामे के माध्यम से लिखित रूप में माफी मांगी जाए। यह आवश्यक कार्यवाही तक पूरी कर ली जाए।” एसआई इस समय ओखला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी के प्रभारी के रूप में तैनात हैं।
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