पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहलवान गीता फोगट द्वारा कोर्ट की अवमानना को लेकर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव को ध्यानार्थ नोटिस जारी किया है। गीता ने यह याचिका हरियाणा राज्य की खेल नीति के तहत उन्हें डीएसपी पद पर आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने को लेकर दायर की थी। याचिका बुधवार को जस्टिस आरके जैन की बैंच के सामने सुनवाई के लिए आई थी। फोगट के वकील रजत गौतम ने कोर्ट को बताया मार्च में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि फोगट की डीएसपी पद पर नियुक्ति को लेकर दो महीने के भीतर फैसला किया जाए। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

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गौतम ने कोर्ट के सामने कहा कि हरियाणा सरकार ने अगस्त 2013 में खेल की अलग-अलग कैटेगरी के तहत मेडल विजेताओं को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देने और अन्य सुविधाएं देने के लिए नीति बनाई थी। नीति के मुताबिक, जिन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है, वे ग्रुप बी पोस्ट पर नियुक्ति पाने के हकदार है। इस कैटेगरी में डीएसपी का पद भी आता है। कोर्ट को बताया गया था कि फोगट को पहले अप्रेल 2012 में खेल कोटे के तहत हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था। लेकिन अगस्त 2013 में नई पॉलिसी आने के बाद, उन्होंने राज्य सरकार से नई नीति के तहत उनकी नियुक्ति डीएसएपी पद पर किए जाने के लिए आवेदन किया था।

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हालांकि, कोर्ट को यह भी बताया गया कि गोल्ड मेडल विजेता, ममता खरब, विकास कृष्ण, अखिल कुमार, जितेंद्र कुमार, जोगिंद्र शर्मा और गीतिका जाखड़ को डीएसएपी पद पर नियुक्त किया जा चुका है।

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