Hathras Stampede Case: हाथरस के एक सत्संग के बाद मची भगदड़ की चपेट में आने से 121 लोगों को दर्दनाक मौत हो गई है। इसके बाद से पुलिस बाबा की तलाश में हैं और इस हादसे से जुड़े कई आरोपियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। वहीं बाबा सूरजपाल अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। UP पुलिस का कहना है कि वह बाबा से पूछताछ कर सकती है लेकिन अभी तक बाबा सभी की पहुंच से बाहर है।
हाथरस हादसे के चलते बाबा सूरजपाल चर्चा में आ गया है, जो खुद को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बताता है। भोले बाबा का अब राजस्थान के अलवर से सामने आया है। जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के दौरान 10 महीने तक अलवर के अपने आश्रम में रहता था और वहीं से बड़े-बड़े सत्संग आयोजित करता था, यहां बड़ी संख्या में बाबा के अनुयायियों की भीड़ आती थी।
अलवर में है बाबा का कनेक्शन
अलवर के सहजपुरा गांव में इस आश्रम में बाबा के लिए सभी सुविधाएं मौजूद है। आश्रम के लिए अपनी जमीन बेचने वाले ग्रामीण देवीराम ने आरोप लगाया कि बाबा ने आश्रम के लिए जमीन कब्जाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक ग्रामीण देवीराम ने 2008-09 के बीच बाबा की कमेटी को आश्रम के लिए डेढ़ बीघा जमीन बेची थी। आरोप है कि जहां अब बाबा के अनुयायियों का कमरा है वह जमीन कब्जाई गई है।
ग्रामीण ने बताया कि 2010 में यह आश्रम बनकर तैयार हुआ था तब से वहां पर कई बड़े सत्संग हो चुके हैं। सहजपुरा के लोगों ने बाबा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि स्थानीय लोगों को आश्रम में प्रवेश से वंचित रखा गया, जबकि महिलाओं और लड़कियों को बेरोकटोक अंदर जाने की अनुमति दी गई है। आश्रम के दरवाजे कथित तौर पर बाहरी लोगों महिलाओं और लड़कियों के लिए खुले हैं, जो कि संदेहजनक स्थिति है।
जानकारी के मुताबिक सहजपुरा में बाबा का करीब डेढ़ बीघा जमीन पर आश्रम बना है और हर दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है। बता दें कि हाथरस कांड के बाद से बाबा भोले फरार हैं और पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। पुलिस ने बीते दिनों मुख्य आरोपी वेद प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया था।