Hathras rape: उत्तर प्रदेश के हाथरस में यूपी पुलिस ने 300 जवान तैनात किए हैं। पुलिस ने पीड़ित महिला के गांव में 7 पुलिस वाहन और पांच बैरिकेड भी लगाए हैं। गौरतलब है कि यहां 19 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी, जिसके बाद 29 सितंबर को उसने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। राज्य सरकार ने गांव को छावनी में बादल दिया है और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बाहर का कोई भी शख्स अंदर न आए।
पीड़ित महिला के परिवार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें दो दिन से घर में ‘कैद’ कर के रखा गया है। हो सकता है कि अधिकारी उनके फोन की निगरानी भी कर रहे हों। जल्दबाज़ी में फोन पर बात करते हुए पीड़ित के भाई ने कहा “डीएम जी आए और कहा कि जब मीडिया यहां नहीं तो आपके वीडियो वायरल कैसे हो रहे हैं।” भाई ने आगे कहा कि लगता है ये लोग हमारे फोन की निगरानी कर रहे हैं और हमारी बात सुन रहे हैं।
पुलिस ने पहला बैरिकेड हाथरस जिले में स्थित गांव से लगभग 2.5 किमी की दूरी पर लगाया है, जो गांव में जाने वाले तीन रस्तों को ब्लॉक करता है। ये वही बैरिकेड्स हैं जहां शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन, सांसद काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और पूर्व सांसद ममता ठाकुर के साथ अधिकारियों ने धक्का-मुक्की की थी।
लगभग 12.20 बजे, जैसे ही सांसदों ने गांव में प्रवेश करने की कोशिश की, डेरेक ओ ब्रायन को बैरिकेड पर खड़े एक अधिकारी ने धक्का दिया और वे गिर गए। इस दौरान वहां हाथरस के संयुक्त मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा भी मौजूद थे। दस्तीदार ने बताया कि जब यह सब हो रहा था तब मीणा ने इसपर कुछ नहीं बोला। दस्तीदार ने कहा “हमें महिला कांस्टेबलों ने पकड़ लिया, हमने उनसे अनुरोध किया कि दो लोगों को जाने दिया जाए। हमें ममता बनर्जी ने यहां भेजा है।”
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि गांव में कोई भी प्रवेश न करे। मीडिया, पार्टी के नेता, यहां तक कि स्थानीय लोग भी अंदर ना आए। अंदर एक अस्पताल है जिसके चलते समस्या हो रही है। इसके अलावा हम दूध की वैन भी जाने दे रहे हैं।
हाथरस डीएम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद पीड़ित के परिवार डर गया है कि उनके फोन की निगरानी की जा रही है। वीडियो में डीएम प्रवीन लक्षकार पीड़िता के परिजनों से कह रहे हैं कि आप बार-बार बयान बदल रहे हैं। प्रशासन भी बदल सकता है। लक्षकार ने एएनआई को बताया कि वह जांच के संबंध में परिवार के डर को दूर करने के लिए उनसे मिले थे।
परिवार ने कहा कि एसआईटी, जिला अधिकारियों और पुलिस कर्मियों सहित केवल अधिकारियों को उनसे मिलने की अनुमति दी जा रही है। शाम 4 बजे के आसपास, दूसरे गांव से आए पीड़िता के चाचा और चाची को पुलिस ने रोक दिया था। पुलिस ने उन्हें तब अनुमति दी जब चाची ने परिवार को लेकर चिंता व्यक्त की। चाची ने कहा “हम परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं। उनके फोन भी बंद हैं, हमें उनकी चिंता हो रही है।