हरियाणा के मेवात के एक छोटे से गांव की रहने वाली 24 वर्षीय युवती अपने गांव की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी सरपंच बन गई है। पांच मार्च को सरपंच के उपचुनाव में शाहनाज खान को गरहजन गांव के लोगों ने सरपंच बनाया। शाहनाज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के तीर्थांकर महावीर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही है। उनकी मेडिकल के चौथे वर्ष की प्रैक्टिकल परीक्षा चल रही है। मेवात का यह छोटा सा गांव हरियाणा और राजस्थान के भागों में पड़ता है। शाहनाज न केवल गांव की सबसे युवा सरंपच बनी हैं, बल्कि वह गांव के इतिहास में अभी तक की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी युवती हैं।

सोमवार को सरपंच पद के शपथ ग्रहण समारोह में शपथ लेने के बाद शाहनाज ने कहा, “मेवात इलाके के लोग अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजते हैं। मैं उनके सामने अपना उदाहरण पेश करना चाहूंगी कि देखिए शिक्षा एक महिला को क्या स्थान दिला सकती है।” शाहनाज जल्द ही गुड़गांव के सिविल अस्पताल में अपनी इंटर्नशिप शुरू करने जा रही हैं और इसके बाद वे मेडिकल में पोस्ट ग्रैजुएट की परीक्षा भी देंगी। शाहनाज को राजनीति विरासत में मिली है, क्योंकि उनके दादा राजनीति से जुड़े रहे हैं।

शाहनाज के दादा हनीफ खान के चुनाव को पिछले साल अक्टूबर में कोर्ट द्वारा अमान्य घोषित कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हनीफ खान ने साल 2015 में चुनाव के लिए खड़े होने के लिए जो अपनी शिक्षा से जुड़े कागज जमा किए थे, वे जाली थे। हनीफ खान फिर से चुनाव नहीं लड़ सकते थे, इसलिए उन्होंने शाहनाज को चुनावी मैदान में उतारकर यह जंग लड़ी है। मेवात में राजस्थान के अलवर और भरतपुर के कुछ हिस्से जुड़े हुए हैं, जहां पर मीयू मुस्लिम बसे हैं।

शाहनाज के माता-पिता भी राजनीति में रह चुके हैं। शाहनाज की मां कमन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। वहीं, शाहनाज के पिता जलीस खान कमन प्रधान यानि पंचायत निकाय के ब्लॉक स्तर के प्रमुख रह चुके हैं। शाहनाज खान की मां जाहिदा ने कहा, “मेरा परिवार लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाहनाज ने राजनीति अपने दादा के सपनों को पूरा करने के लिए ज्वाइन की है। शाहनाज मीयू समुदाय के लिए अपनी सेवा देगी, क्योंकि वे काफी पिछड़े हुए हैं।”