विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में दो शीर्ष नेताओं के बीच खींचतान जारी हैं, जिसके बाद पार्टी में गुटबाजी शुरू हो गई है। हरियाणा कांग्रेस में आंतरिक कलह ऐसे समय में सामने आ रही हैं जब आम आदमी पार्टी पंजाब की सफलता को दोहराने और 2024 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में विस्तार पर नजरें जमाए हुए है।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राज्य इकाई को दो खेमों में बंटा हुआ है। एक खेमा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रमुख कुमारी शैलजा का है, तो दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है। हालांकि, दोनों नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं बोला है लेकिन तनाव स्पष्ट नजर आ रहा है क्योंकि उन्होंने हाल के महीनों में पार्टी के कार्यक्रमों में मंच साझा नहीं किया है।

हुड्डा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ अभियान के तहत जिलों का दौरा कर रहे हैं। जबकि कुमारी शैलजा इस अभियान से दूर रहीं हैं और पार्टी के दूसरे संगठन स्तर के मुद्दों को देख रही हैं। माना जा रहा है कि हुड्डा को पार्टी के 31 विधायकों में से दो दर्जन से अधिक का समर्थन प्राप्त है। कई पूर्व सांसदों और मंत्रियों को भी हुड्डा का वफादार माना जाता है। जबकि कुमारी शैलजा को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है।

रिपोर्ट में पार्टी पदाधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि हुड्डा शैलजा को हटाने और अपने बेटे दीपेंद्र को राज्य इकाई का प्रमुख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे कई नेता इस फैसले के खिलाफ हैं। 2019 से चुनाव से पहले, हुड्डा खेमा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रमुख अशोक तंवर को पद से हटाने में सफल रहा था, जिन्होंने बाद में पार्टी ही छोड़ दी थी।

25 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुलह कराने के लिए दिल्ली में हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में हुड्डा, शैलजा, सुरजेवाला, चौधरी और बिश्नोई जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान जमकर बहस हुई, हुड्डा समर्थक राज्य में नेतृत्व बदलाव की बात पर जोर दे रहे थे। कथित रूप से दीपेंद्र ने राहुल से अपील की थी कि यह पता लगाने के लिए एक सर्वे करें कि, उनके पिता या शैलजा में से कौन ज्यादा लोकप्रिय है और किसको ज्यादा समर्थन हासिल है।

पार्टी के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं से कहा कि उन्हें सामूहिक जिम्मेदारी की बात माननी पड़ेगी और चुनाव सामूहिक नेतृत्व के तौर पर लड़ना होगा। हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने इस बात को स्वीकार किया कि पार्टी नेतृत्व के सामने गुटबाजी बड़ी चुनौती है। इधर, कुमारी शैलजा ने पार्टी में किसी तरह के विवाद की बात को खारिज किया है। वहीं, हुड्डा ने कहा कि पार्टी के नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई मनभेद नहीं है।