जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन और हिसार की विधायक रह चुकीं सावित्री जिंदल और उनके पीए के नाम पर 97 लाख का बड़ा फ्रॉड हुआ है। फ्रॉड करने का आरोप धांगड़ की रहने वाली भावना बिश्नोई, उसके पति प्रमोद कुमार और जेठ प्रवीण कुमार के खिलाफ लगा है। मतलब एक परिवार के लोगों ने 10 लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर फ्राड किया है। इस मामले को लेकर इन सभी आरोपियों पर आईपीसी की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है।

फतेहाबाद थाना सदर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव धांगड़ निवासी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि साल 2020 में उसकी पहचान हिसार की निवासी भावना के साथ हुई। उसने बताया वो सरकारी नौकरी लगवाने का काम भी करती है। उसके बड़े राजनेताओं और अफसरों से संपर्क हैं। अगर रुपये का इंतजाम हो जाए तो वह नौकरी लगवा सकती है। सुरेंद्र ने भावना नाम की महिला को बताया कि उसकी पत्नी पढ़ी-लिखी है। इसके बाद उसने अपने अन्य रिश्तेदारों को भी बताया कि अगर रुपये का इंतजाम हो जाएगा तो नौकरी मिल जाएगी।

वहीं शिकायतकर्ता सुरेंद्र का कहना है कि उसने भावना को 10 युवकों को सरकारी नौकरी लगवाने के लिए 97 लाख रुपये दिये। आरोप है कि कुछ युवकों को नौकरी के नाम पर कुछ दस्तावेज दे दिए गये, लेकिन न तो नौकरी ही लगी और न रुपये ही वापस हुए।

दरअसल, हरियाणा के फतेहबाद में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर गांव धांगड़, हिसार व भिरडना के 10 युवाओं से 97 लाख रुपये ले लिए गये। सभी युवा एक साल से सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन न उनको नौकरी मिली और न ही रुपये वापस हुए। कुछ नौकरी के नाम पर फर्जी कागज दे दिये। इसके बाद उनकी बात एक महिला से कराई गई। महिला ने खुद को हिसार की पूर्व विधायक और जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल बताया। फतेहाबाद पुलिस ने हिसार के प्रमोद, उसकी पत्नी भावना और एक अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।