Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा गर्म होता जा रहा है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस, जेजेपी और INLD तक… सभी राजनीतिक दल आक्रामकता के साथ चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadami Party) ने विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया है और कहा है कि वह राज्य की सभी विधानसभा में अपने प्रत्याशी उतारेगी। अभी तक राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता था, लेकिन हरियाणा में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है।

दरअसल, अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और संदीप पाठक ने खुलकर ऐलान किया है कि राज्य में पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। चंडीगढ़ में पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान ने खुलकर कहा कि इस बार हरियाणा में आम आदमी पार्टी अपनी ताकत दिखाएगी।

हरियाणा में नहीं होगा कोई गठबंधन

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक दशक के भीतर राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। हम दो राज्यों (दिल्ली और पंजाब) में सरकार चला रहे हैं हमने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है लेकिन इसके लिए हम किसी भी राजनीतिक दल से कोई गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है, जिसने सभी दलों को मौके दिए हैं लेकिन कोई भी यहां के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।

20 जुलाई को गारंटी जारी करेगी AAP

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक का जिक्र करते हुए पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हरियाणा के ही हैं। ऐसे में हमारी उम्मीदें बहुत हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच बहुत समानताएं हैं? आधा हरियाणा पंजाबी बोलता है। उन्होंने कहा है। बता दें कि आम आदमी पार्टी 20 जुलाई को हरियाणा के लिए केजरीवाल की गारंटी जारी करेगी। इस मौके पर केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मौजूद रहेंगी।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के दौरान हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था और हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर आप को मिली थी, लेकिन यह सीट बीजेपी ने जीत ली थी। इसके अलावा चंडीगढ़ सीट पर भी दोनों का गठबंधन था, जहां कांग्रेस को फायदा मिला था और सीट कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी ने जीत ली थी।

हरियाणा और चंडीगढ़ के अलावा दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए भी बीजेपी के खिलाफ आप और कांग्रेस साथ आए थे लेकिन फिर भी दिल्ली में बीजेपी ने सातों सीटें जीत ली थीं। हालांकि पंजाब में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।