हरियाणा में किसान और सरकार के बीच तनातनी बढ़ती ही जा रही है। झज्जर में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध करने जब किसान पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को झज्जर में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के एक समूह को पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। अपने आंदोलन के तहत किसान हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के एक कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और जबरन कार्यक्रम स्थल पर जाने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
दुष्यंत चौटाला को झज्जर के एक सरकारी कॉलेज में पहुंचना था, जहां वो एक कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे। मामले पर जानकारी देते हुए पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल के पास जमा हो गए और उनमें से कुछ ने जबरन अंदर जाने के लिए बैरिकेड्स पर छलांग लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने पानी की बौछारों से प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर किया और कुछ को उस समय हिरासत में भी ले लिया। हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
#WATCH | Police use water cannon to disperse protesters who trespassed barricades ahead of Haryana Deputy CM Dushyant Chautala's programme, in Jhajjar. "At a time when farmers' crops have been damaged due to rains, Dy CM is coming here, instead of meeting them,"a protester says pic.twitter.com/NDHIuh0RRQ
— ANI (@ANI) October 1, 2021
प्रदर्शकारियों के विरोध को देखते हुए झज्जर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और उपायुक्त कानून व्यवस्था की निगरानी के लिए मौके पर पहुंच गए। दुष्यंत चौटाला झज्जर में ‘हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’सेवा केंद्र के तहत पंजीकृत एवं RSETI से प्रशिक्षित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बायोमेट्रिक उपकरण और IIBF प्रमाणपत्र वितरित करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा बनाई गयी वस्तुओं में आत्मनिर्भर भारत मिशन की झलक दिख रही है।
पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए हरियाणा कांग्रेस ने कहा कि किसान विरोधी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार का झज्जर में अपने हकों को लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों पर तानाशाही रवैया जारी है। पानी की बौछारें, कटीली तारें और लाठियां अन्नदाता की आवाज को नहीं दबा सकती। किसान की आवाज को अनसुना न करे सरकार, धान की खरीद पर रोक क्यों?
बता दें कि किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। इसी के तहत प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा में हर उस कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें बीजेपी या जेजेपी के नेता शामिल हो रहे हैं।