Haryana News: हरियाणा में अगले कुछ महीनों के लिए मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों और अन्य पूजा स्थलों पर बच्चों को जगाने के लिए मास अलार्म बजाया जाएगा। राज्य में उद्घोषकों की ओर से मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों से जल्द ही सुबह 4.30 बजे वेक अप कॉल आ सकती है। यह शिक्षा विभाग की एक पहल है जिसे ‘मास अलार्म’ कहा जा सकता है। हालांकि यह अलार्म सिर्फ स्टूडेंट्स को नहीं बल्कि सभी को सुनाई देगा। यह प्रैक्टिस खासतौर पर कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए है, जो 2023 की शुरुआत में बोर्ड एग्जाम में शामिल होंगे।
स्टूडेंट्स की Winter Vacation भी कैंसिल
यह सरकारी स्कूल के छात्रों के पास प्रतिशत में सुधार के लिए शिक्षा विभाग द्वारा उठाया गया एक कदम है। समय के पूर्ण सदुपयोग के लिए हरियाणा शिक्षा विभाग ने बोर्ड एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए क्रिसमस से मिलने वाले दो सप्ताह के शीतकालीन अवकाश को भी रद्द कर दिया है। अधिकारी, इस बीच, पंचायत प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने की सलाह देंगे कि कोई तेज संगीत न बजे और लंबी पार्टी न हो ताकि छात्र पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें। शिक्षा विभाग का कहना है कि ये सिर्फ रिकमेंडेशन हैं और इन्हें लागू करना स्वैच्छिक है।
Haryana Board Exams में 70 दिन बचे हैं
गुरुवार को निर्देश जारी करने वाले माध्यमिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए सिर्फ 70 दिन बचे रह गए हैं। इस साल स्कूलों में वर्कशॉप, ट्रेनिंग और स्पेशल इंवेट हो रहे थे। हमने स्कूल रेशनलाइजेशन और सामान्य ट्रांसफर के माध्यम से सरकारी स्कूलों में संसाधनों के उपयोग में कमी को दूर करने की कोशिश की, जिससे पढ़ाने के घंटे लगभग 6 हफ्ते कम हो गए। इसे कवर करने की जरूरत है इसलिए हमने इन उपायों की सिफारिश की है ताकि छात्र परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार हो सकें।
इसके अलावा, विभाग ने रात के समय डीजे बजाने पर भी रोक लगाने की जरूरत पर बल दिया है। विभाग ने आधी रात के बजाय सुबह के समय को इसलिए चुना क्योंकि छात्रों के पास इस समय डिस्टर्ब होने के चांस कम होते हैं।
सुबह 4.30 बजे Loudspeaker के जरिए जगाने की तैयारी
शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे बोर्ड परीक्षाओं से पहले सभी दिनों में 72% से 90% छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करें और शीतकालीन छुट्टी के दौरान सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक एक्सट्रा क्लास चलाएं। स्कूलों के मुखिया और शिक्षा अधिकारी पंचायतों के सहयोग से मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों के मैनेजमेंट से रोजाना सुबह 4.30 बजे लाउडस्पीकर के जरिए जगाएंगे। साथ ही पेरेंट्स यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र सुबह 5.15 बजे तक पढ़ने बैठ जाएं।