Haryana IPS Officer Death Case: हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। इस बीच पूरन कुमार की मौत के आठ दिन बाद उनके पोस्टमार्टम कराने की अनुमति परिवार ने दे दी है। पिछले 8 दिनों से परिवार सुसाइड नोट में नामित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा था। हालांकि प्रशासन और परिजनों के बीच लगातार बातचीत के बाद पोस्टमार्टम को लेकर सहमति बन गई है।

पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की जा रही

अब वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में पोस्टमार्टम किया जा रहा और उसकी वीडियोग्राफी भी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी इसलिए भी मौजूद हैं ताकि पूरे मामले की पारदर्शिता बनी रहे। मामले के बाद जब विरोध बढ़ा था तब डीजीपी को छुट्टी पर भेज दिया गया। पूरन की पत्नी ने इससे पहले पोस्टमार्टम की इजाजत देने से इनकार कर दिया था और जोर देकर कहा था कि सरकार को पहले सुसाइड नोट में नामजद सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

7 अक्टूबर को अपने आवास पर पूरन ने की थी आत्महत्या

2001 बैच के आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले कुमार ने अपने नौ पन्नों के आखिरी नोट में कपूर, बिजारनिया और कई अन्य वरिष्ठ पुलिस और आईएएस अधिकारियों पर जाति-आधारित उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

‘IPS पूरन भ्रष्ट पुलिसकर्मी थे, भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने के डर से आत्महत्या की…’, ASI ने गंभीर आरोप लगाने के बाद की खुदकुशी

पूरन पर ASI ने आरोप लगाकर की आत्महत्या

इस बीच रोहतक में एक पुलिस अधिकारी (ASI) ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली और 3 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। मृतक की पहचान संदीप लाठर के रूप में हुई है, जो रोहतक पुलिस की साइबर सेल में तैनात था। नोट में ASI ने पूरन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। आईपीएस पूरन कुमार ने अपनी मौत का कारण जातिगत उत्पीड़न बताया था तो वहीं संदीप ने कहा कि पूरन भ्रष्टाचार करते थे और जातिवाद फैलाते थे। संदीप के अनुसार पूरन अपने राजनीतिक रसूख का हावाला देते थे। अपने सुसाइड नोट में संदीप कुमार ने कहा कि आईपीएस पूरन कुमार ने सदर थाना मर्डर केस में राव इंद्रजीत को बचाने के लिए 50 करोड़ की डील की थी। संदीप कुमार ने कहा कि पूरन कुमार बड़े भ्रष्टाचारी हैं और अपनी जाति के भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देते थे।

सुसाइड नोट में ASI ने लिखा कि रोहतक रेंज में तबादले के बाद पूरन कुमार ने अपनी जाति के भ्रष्ट अधिकारियों को आईजी दफ्तर में तैनात किया और ईमानदार अफसरों को साइडलाइन कर दिया। उन्होंने लिखा कि फाइलों के नाम पर डराकर पैसे लेते थे और बेवजह बुलाकर टॉर्चर भी करते थे। सुसाइड नोट में संदीप ने दावा किया कि पूरन कहते थे मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा, मेरी घरवाली IAS है, साला MLA है और परिवार अनुसूचित जाति आयोग में है। संदीप ने कहा कि इसी ताकत के दम पर पूरन भ्रष्टाचार करते थे और बच जाते थे।