कोरोना का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। भारत में रोजाना हजारों की संख्या में लोग संक्रमित पाये जा रहे हैं। इसी नीच हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को शुक्रवार को यहां कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्वदेश विकसित संभावित टीके कोवैक्सिन की परीक्षण खुराक (ट्रायल डोज) दी गई। टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए स्वैच्छिक रूप से आगे आने वाले वह राज्य के पहले व्यक्ति हैं।

भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के तीसरे चरण का परीक्षण राज्य में शुक्रवार से आरंभ हुआ। इसमें, भाजपा के 67 वर्षीय नेता को अंबाला कैंट के सिविल हॉस्पिटल में परीक्षण खुराक दी गई। ऐसा बताया जाता है कि विज किसी भी राज्य सरकार के ऐसे पहले कैबिनेट मंत्री हैं जो स्वेच्छा से कोविड-19 के संभावित टीके की परीक्षण खुराक लेने के लिए सामने आए हैं। सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि विज को कोवैक्सिन की खुराक सफलतापूर्वक दी गई।

हालांकि, इससे पहले अस्पताल में मंत्री की कुछ जांचें करवाई गई थीं और टीका लगाने से पहले उन्हें कुछ समय तक निगरानी में रखा गया था। अस्पताल जाने से पहले विज ने संवाददाताओं से कहा था कि यदि सब ठीकठाक रहता है तो कोविड-19 से बचाव के लिए टीका अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध हो जाएगा। इस संभावित टीके का विकास भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर किया है।

इस मौके पर रोहतक स्थित पीजीआई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी ओपी कालरा सहित कई डॉक्टरों की टीम भी अंबाला कैंट पहुंची हुई थी। ट्रायल से पहले डॉक्टरों की टीम ने विज के स्वास्थ्य की जांच की। रोहतक पीजीआई के एक्सपर्ट डॉक्टरों की निगरानी में अंबाला छावनी के सिविल असपताल मे अनिल विज को वैक्सीन इंजेक्ट की गई।

इसके बाद विज ने लोगों से अपील की है कि इसमें डरने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को आगे आकर इसका हिस्सा बनना चाहिए। विज ने कहा कि हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि जिस कोरोना की बीमारी से पूरा विश्व पीड़ित और भयभीत है उससे लड़ने के लिए हिंदुस्तान की एक कंपनी भारत बायोटैक कोरोना की वैक्सिन तैयार कर रही है और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर ट्रायल कर रही है।