धान की खरीद शुरू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली-अंबाला नेशनल हाईवे खोलने का ऐलान कर दिया है। किसानों ने 21 घंटे से भी ज्यादा समय से राजमार्ग ब्लॉक किया हुआ था, जिसके कारण यहां भारी जाम लग गया था। अब राज्य सरकार से बातचीत के बाद किसानों ने प्रदर्शन खत्म करने का फैसला किया है। धान की खरीद शुरू करने को लेकर ये किसान प्रदर्शन कर रहे थे, जिस कारण नेशनल हाइवे 44 पर लोगों को भारी ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा था।
भारतीय किसान यूनियन-चढूनी संगठन के गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में ये किसान प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू कर दी जाएगी। चढूनी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पंजाब और हरियाणा हाई ने सरकार को निर्देश दिए कि राजमार्ग को नाकाबंदी से मुक्त कराया जाए। इसके बाद कुरुक्षेत्र के उपायुक्त और वरिष्ठ अधिकारी हमारे पास आए और सरकार के आश्वासन से अवगत कराया कि हमारी दोनों मांगें मान ली गई हैं। अब हमने नाकाबंदी हटाने और राजमार्ग को खोलेने का फैसला लिया है।”
उपायुक्त (कुरुक्षेत्र) शांतनु शर्मा और पुलिस अधीक्षक (कुरुक्षेत्र) एसएस ने भोरिया धरना स्थल पर पहुंचकर घोषणा की कि राज्य सरकार किसानों के मुद्दों का तुरंत समाधान करेगी और सहयोग करने के लिए उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद भी किया।
इसके बाद चढूनी ने घोषणा की कि सरकार उनकी दोनों मांगों को मानने के लिए तैयार हो गई है और उपायुक्त ने आश्वासन दिया है कि फसलों की कटाई तुरंत शुरू हो जाएगी इसलिए किसान नाकाबंदी हटा देंगे और राजमार्गों को साफ कर देंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर शनिवार को फसलों का उठाव शुरू नहीं हुआ तो इसकी जिम्मेदारी उपायुक्त और मौके पर मौजूद अन्य अधिकारियों की होगी।
बता दें कि किसानों ने शाहबाद में बैठक कर इस बात का ऐलान किया था कि 22 सितंबर की रात तक अगर धान की खरीद शुरू नहीं की गई, तो 23 सितंबर को किसान जीटी रोड जाम कर देंगे। किसानों की मांग थी कि धान की खरीब शुरू की जाए क्योंकि खरीद ना होने से किसानों को नुकसान हो रहा है, ऊपर से लगातार बारिश भी हो रही है, जिस कारण फसलों को नुकसान होगा।