भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को वर्ष 2017 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावी फोबिया से ग्रस्त बताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार (27 जून) को इस बात पर अफसोस जताया कि प्रदेश में हाल में हुए उनके दोनों कार्यक्रमों में राज्य हित के बुनियादी मुद्दों की झलक तक नहीं दिखायी दी। रावत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का उत्तराखंड दौरा केवल अपशब्दों एवं आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गया। ऐसा लगता है कि उनका पूरा कार्यक्रम 2017 के ‘चुनावी फोबिया से ग्रस्त था।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर के नेता उत्तराखंड आएं और हमारी समस्याओं एवं तकलीफों को समझें। लेकिन अफसोस की बात है कि ना तो श्री अमित शाह के बयानों एंव भाषण में और नाहीं उनकी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश के बुनियादी मुद्दों की झलक दिखाई दी।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और हम केन्द्र सरकार के पास लंबित राज्य के मुद्दों को बार-बार उठाते रहे हैं इसलिए राज्य हित में वह कुछ बातें तो कर ही सकते थे। रावत ने कहा, ‘वह फडिंग पैटर्न में बदलाव से उत्तराखण्ड को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की बात कर सकते थे। बाह्य सहायतित योजनाओं में 90:10 के अनुपात पर बात कर सकते थे। एसपीए में स्वीकृत कई सौ करोड़ की राशि अभी तक अवमुक्त नहीं हुई है। आपदा पर कैबिनेट कमेटी ऑन उत्तराखंड की संस्तुतियों पर वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा अभी तक कोई रूपरेखा नहीं दिया गया है। लेकिन श्री अमित शाह ने इस पर भी एक शब्द नहीं कहा।’

भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह (भाजपा) वित्तीय संलिप्तता वाला एक भी मामला बता दें।’ उन्होंने कहा कि घोटालों के आरोप दोनों ओर से लगे हैं और अगर भाजपा चाहे तो उच्च न्यायालय से इन सभी की न्यायिक जांच का अनुरोध किया जा सकता है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा उठाये जा रहे राज्य के बजट के सवाल से जनता का ध्यान भटकाने के प्रयास के तहत प्रदेश उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी ऐसी कोशिशों का पर्दाफाश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार एवं हल्द्वानी में हुई भाजपा की दोनों बैठकों का प्रयोग केवल राज्य सरकार को कोसने के लिए किया गया और इसमें राज्य के बुनियादी सवालों की अनदेखी की गई।

मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की आलोचना करते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल स्टिंग तक सिमट कर रह गया। उन्होंने कहा, ‘मैं तो आज भी कह रहा हूं कि कथित स्टिंग व सीडी में जितने भी पात्रों के नाम आए हैं, सीबीआई उन सभी की जांच करे। यही सीबीआई की निष्पक्षता का तकाजा होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि कथित स्टिंग पर वह ओपन डायलॉग की प्रक्रिया का आरंभ करेंगे जिसकी शुरूआत दो जुलाई को देहरादून से होगी। उन्होंने कहा, ‘आखिर यह भी सामने आना चाहिए कि आम जनता इसके बारे में क्या सोचती है। मैं कहां पर कानून का उल्लंघन कर रहा हूं। भाजपा के पेट में स्टिंग के मरोड़े क्यों उठ रहे हैं।?’

भाजपा अध्यक्ष के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि जो ईमानदार थे, वे भाजपा में आ गए हैं और बेईमान कांग्रेस में रह गए हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आजकल नया मापदण्ड बनाया जा रहा है कि देश में जो भाजपा के साथ हैं वही सही हैं बाकी सभी गलत हैं। उन्होंने कहा, ‘दलबदल अपने आप में संवैधानिक अपराध है और इसके दोषी भाजपा के साथ हैं। अजीब बात है कि जिसने खोया है उसे अपराधी बताया जा रहा है और जिसने लाभ उठाया, उसे स्वच्छ बताया जा रहा है।’