उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता की घटनाओं पर गहरी चिंता जाहिर की है। कुछ लोग राष्ट्रीय सौहार्द पर कुछ सवाल खड़े करने का काम कर रहे है। रावत ने मंगलवार को देहरदून के परेड ग्राउंड में 67वें गणतंत्र दिवस की शानदार परेड के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।रावत ने कहा कि आज हमें अपने गणतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अपने संविधान का और अधिक मजबूती के साथ पालन करना होगा। उन्होंने ने उत्तराखंड की जनता से अपील की कि समाज में अराजकता का माहौल पैदा करने वाली ताकतों को परास्त करने के लिए गणतंत्र दिवस के दिन राज्यवासियों को प्रदेश व देश में सहिष्णुता का वातावरण बनाने की सौगंध खानी चाहिए।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जिस तरह से देश में तेजी से सांप्रदायिक शक्तियां उभर रही है और हमारे गणतंत्र और संविधान के लिए चुनौतियां खड़ी कर रही है। उसको देखते हुए देश की जनता को एक दूसरे की भावनाओं, अधिकारों और एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए हमें अपने गणतंत्र को और अधिक सुदृढ़ और मजबूत बनाने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे गणतंत्र का जो संविधान है वह समभावी है। जो हम सबको बराबर का अधिकार देने का काम करता है, वह सबको साथ लेकर चलने की बात करता है।

रावत ने राज्य की पुलिस पर भरोसा जताते हुए कहा कि हमारे दक्ष और सतर्क पुलिस के जवान राज्य की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है और हरिद्वार में चल रहे अर्द्धकुंभ मेले की पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सुरक्षा करेगा और सभी स्नान पर कुशलता के साथ संपन्न कराएगा। उन्होंने बताया कि आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले दिवंगत स्वतंत्रता सैनानियों के उत्तराधिकारियों की तंग आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके लिए एकमुश्त आर्थिक अनुदान देने की योजना बना रही है। जिसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है।