पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार (12 सितंबर) को अपना अनिश्चितकालीन अनशन तोड़ दिया। वे पाटीदार समुदाय को आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी को लेकर 19 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन गुजरात सरकार ने उनकी एक भी मांग नहीं मानी। आखिरकार उनके समर्थकों ने उन्हें नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया। बता दें कि 25 वर्षीय हार्दिक पटेल पाटीदार अनमत आंदोलन समिति के नेता हैं। वे 25 अगस्त से पाटीदार समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने सहित अन्य मुद्दों को लेकर अहमदाबाद में अनशन पर बैठे थे। बीते शुक्रवार को तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसके बाद रविवार को छुट्टी दे दी गई। अनशन के नौंवे दिन उन्होंने एक बिल तैयार कर अपनी संपत्ति का बंटवारा किया, इसमें उन्होंने अपने परिवार, बहन, 2015 में पाटीदार आंदोलन के समय मारे गए 14 वर्षीय युवक के परिजनों और बीमार व वृद्ध गायों के आश्रय गृह के लिए पूरी संपत्ति को बांट दिया।
Ahmedabad: PAAS leader Hardik Patel breaks his indefinite hunger strike after 19 days. He was demanding reservations for Patidar community and loan waiver for farmers. #Gujarat pic.twitter.com/6qjSiCfjEz
— ANI (@ANI) September 12, 2018
अनशन तोड़ने से पहले हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा, “किसानों एवं समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-उंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-क़ागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी हैं। सब का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालिन उपवास आंदोलन के आज उन्नीसवें दिन दोपहर तीन बजे उपवास आंदोलन खत्म करूंगा।”
किसानों एवं समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-उंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-क़ागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें ज़िंदा रहकर लड़ाई लड़नी हैं।सब का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालिन उपवास आंदोलन के आज उन्नीसवें दिन दोपहर तीन बजे उपवास आंदोलन ख़त्म करूँगा
— Hardik Patel (@HardikPatel_) September 12, 2018
वहीं, अनशन के दौरान हार्दिक ने ट्वीट कर यह भी कहा था कि, “अहमदाबाद का डीसीपी राठौड़ मुझे कहता है मार दूंगा। अब जिंदा रखने का और मारने का काम भी यमराज जी ने राठौड़ जैसे पुलिस अधिकारी को दे रखा है क्या? उपवास आंदोलन का कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी पर भी पुलिस ने बलप्रयोग किया और उनके केमेरे तोड़ने के प्रयास हुए।मीडिया के साथ जो हुआ वो गलत है।” दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के साथ बैठक के बाद हार्दिक ने कहा कि संसद में आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से अधिक करने पर चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब हो कि अनशन के दौरान भाजपा के कई बगावती तेवर वाले नेताओं ने भी हार्दिक पटेल का समर्थन किया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत ने उनसे मुलाकात कर अनशन खत्म करने की अपील की तो शत्रुघ्न सिन्हा ने भी उनका समर्थन किया।