हंदवाड़ा में पिछले महीने के घटनाक्रम के केंद्र में रही लड़की के मामले में सोमवार (16 मई) को उस समय नया मोड़ आया जब एक एनजीओ ने एक पर्दानशीन लड़की को सामने लाकर दावा किया कि उसने पुलिस के ‘दबाव’ में मजिस्ट्रेट के सामने यह बयान दिया था कि एक सैन्यकर्मी ने उससे छेड़छाड़ नहीं की। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए लड़की ने कहा कि 12 अप्रैल से 12 मई तक गलत तरीके से रोककर रखने और उसके साथ प्रतिकूल व्यवहार करने और उसका वीडियो बयान रिकॉर्ड और वितरित करने के मामले में पुलिस या कोई अन्य जिम्मेदार पाया जाए तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। उसने 12 अप्रैल और बाद के घटनाक्रम के बारे में बताया।
पर्दानशीन लड़की ने कहा, ‘मेरा वीडियो रिकॉर्ड करने और मेरी इच्छा के खिलाफ इसे वितरित करने पर मैं प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करती हूं। मुझे और मेरे परिवार के लोगों को हमारी इच्छा के खिलाफ एक महीने तक पुलिस हिरासत में रखा गया और पुलिस ने हमारे साथ गाली-गलौच की, धमकाया और परेशान किया।’ 12 अप्रैल की घटना के बारे में लड़की ने बताया कि स्कूल से निकलने के बाद ‘मुझे हंदवाड़ा मेन चौक जाना था। वहां की एक दुकान ‘इनफार्मेशन हब’ में मेरा फोन रखा हुआ था क्योंकि हमें स्कूल में फोन ले जाने की इजाजत नहीं है।’ फोन लेने के बाद वह मेन चौक में स्थित एक शौचालय में गई। उसने दावा किया, ‘दुर्भाग्य से मेरे स्कूल में शौचालय बंद था इसलिए मुझे सार्वजनिक शौचालय जाना पड़ा।’
लड़की के मुताबिक, ‘मैं शौचालय के अंदर गई और उस समय भीतर कोई नहीं था। जब मैं निकल रही थी तो सेना के एक जवान ने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं चिल्लाई और वहां से भागने लगी। वह वर्दी में था और इसलिए उसे पहचानने में कोई गलती नहीं हुई कि वह फौजी था।’ उसने इस यौन हमले के लिए फौजी को सजा देने की मांग की। बहरहाल, लड़की ने कहा कि वहां भीड़ जुट गई और उसे उसकी इच्छा के विपरीत थाने ले जाया गया। उसने दावा किया, ‘जब मैं थाने पहुंची तो मेरे प्रति पुलिसकर्मियों का रवैया बहुत ही प्रतिकूल था। पुलिसकर्मी गालियां दे रहे थे और धमका रहे थे। सेना के जवान ने मेरे साथ जो किया मैंने तीन नकाबपोश पुलिसकर्मियों को बताया। उन्होंने मुझसे किसी को असली कहानी नहीं बताने को कहा क्योंकि इससे मेरी और परिवार की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।’
लड़की ने आरोप लगाया कि जब उसने प्रतिरोध किया तो उनमें से एक ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और बयान बदलने को कहा। दबाव के कारण,‘मैं इसके लिए राजी हो गई।’ लड़की ने कहा कि बाद में एसपी (पुलिस अधीक्षक) गुलाम जिलानी 20-25 मिनट के बाद आया और पूछा कि क्या हुआ है? मैंने उसे सारी बात बताई तो वह बाहर गया और एक मोबाइल फोन लेकर आया और मेरा बयान रिकॉर्ड किया।’ उसने दावा किया, ‘वीडियो में मैंने जो बयान दिया था, वह वही था जो पुलिसकर्मियों ने मुझे कहने को कहा। एसपी ने धोखे से वीडियो ले लिया। उस वक्त मेरे परिवार का कोई सदस्य वहां मौजूद नहीं था।’ लड़की के इस बयान के बाद विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस ने लड़की के आरोपों को देखते हुए घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की।

