उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई। एक अवैध मदरसे हटाने के लिए प्रशासन के अधिकारी पहुंचे ही थी, कई लोगों ने उपद्रव मचाना शुरू कर दिया। पहले सिर्फ विरोध प्रदर्शन हुआ, जैसे ही बुलडोजर का एक्शन शुरू हुआ, देखते ही देखते लोगों ने अपनी छतों से पथराव शुरू कर दिया। कई युवक भी उस उपद्रव में शामिल हो गए और सभी ने मिलकर जमीन पर बवाल काटा।

कैसे शुरू हुआ था बवाल?

प्रशासन का साफ कहना है कि मदरसा जहां बना हुआ है, वो अवैध है, उस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करना जरूरी था। इससे पहले भी तीन एकड़ जमीन को नगर निगम ने अवैध कब्जे से मुक्त करवाया था। लेकिन गुरुवार को जब मदरसे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई, कुछ महिलाओं ने सबसे पहले अपनी आवज उठाई। उन महिलाओं को देख युवा वहां पहुंच गए और फिर शुरू हुआ कहासुनी का दौर।

सवाल जो सभी को परेशान कर रहे

जानकारी मिली है कि पहले प्रशासन द्वारा लगातार समझाने की कोशिश की गई, तथ्यों के जरिए समझाया गया कि मदरसा अवैध जमीन पर बना हुआ है। लेकिन अपनी आंखों के सामने मदरसे के खिलाफ होती कार्रवाई को स्थानीय लोग सहन नहीं कर पाए। उसी वजह से अचानक से घरों से ही पत्थर फेंकना शुरू कर दिया गया। अब पत्थर तो फेंके ही गए, इसके साथ-साथ कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया गया।

अब समझने वाली बात ये है कि जो शुरुआत में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, उन्होंने कोई हिंसा शुरू नहीं की थी। उस प्रदर्शन में तो महिलाएं शामिल थीं, उनकी तरफ से सिर्फ मदरसे को ना तोड़ने की अपील की जा रही थी। लेकिन कुछ ही देर बाद उस प्रदर्शन को किसने हाईजैक कर लिया? आखिर कैसे अचानक से इतनी भीड़ मौके पर पहुंच गई, कैसे अचानक से इतने सारे पत्थर वहां आ गए? अभी इस समय प्रशासन इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच कर रहा है।

पुलिसकर्मियों की आपबीती

लेकिन पुलिसकर्मियों की जो आपबीती सामने आई है, वो हैरान कर देने वाली है। वो आपबीती बताने के लिए काफी है कि कुछ देर के लिए ही सही, हल्द्वानी की ये धरती हिंसा की भयंकर चपेट में आ गई थी। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए एक महिला पुलिसकर्मी ने बताया है कि वे अपनी टीम के साथ कार्रवाई करने आए थे। लेकिन जब पथराव शुरू हुआ, काफी मुश्किल से वे एक घर में जाकर छिप गए। लेकिन उपद्रवियों ने उस घर को भी आग लगाने की कोशिश की। किसी तरह से अतिरिक्त फोर्स के लिए संदेश भेजा गया, लोकेशन सेंड की गई, तब जाकर मदद पहुंची और उन पुलिस कर्मियों का उस घर से रेस्क्यू हो पाया।

बताया जा रहा है कि मौके पर स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे, भीड़ को तितर-बितर करने लिए बल प्रयोग भी हुआ था। लेकिन फिर भी क्योंकि उपद्रवियों की संख्या ज्यादा रही, उसी वजह से भारी नुकसान देखने को मिला। इस समय हल्द्वानी के कई इलाकों में बिजली सप्लाई ठप हो चुकी है, इसका कारण ये है कि बिजली घर को भी उपद्रवियों ने ही आग के हवाले कर दिया था।

सीएम झुकने को तैयार नहीं, कार्रवाई को बताया सही

अभी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं। उनकी तरफ से कोर्ट के आदेश का हवाला देकर भी कहा गया है कि मदरसा जहां बना था, वो जगह पूरी तरह अवैध थी। ऐसे में सरकार अपनी बुलडोजर कार्रवाई को तो आगे भी नहीं रोकने वाली है। वैसे सरकार ने हल्द्वानी में भी उस अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया है। उसी वजह से अब और ज्यादा हिंसा ना हो, इसलिए हलद्वानी और नेनीताल के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है, सोशल मीडिया के जरिए भड़काने का काम ना किया जाए, इस पर जोर दिया जा रहा है।

कर्फ्यू, इंटरनेट सस्पेंड और स्कूल बंद

इसके ऊपर शुक्रवार को क्योंकि जुमे की नमाज का दिन भी है, ऐसे में सुरक्षा और ज्यादा मुस्तैद कर दी गई है। ज्यादा फोर्स को इसलिए भी बुलाया गया है क्योंकि ऐसी खबर है कि एक शख्स की इस हिंसा में मौत भी हुई है। कई घायल बताए जा रहे हैं, पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। तनाव को देखते हुए हल्द्वानी में सारे स्कूल भी आज बंद हैं।