MP News: मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल के पास की सड़क हाल ही में बनी है। ये सड़क बनी और डैमेज हुई, फिर बनी और फिर बर्बाद हो गई। ये सिलसिला इतनी बार हुआ कि मंत्री भी परेशान हो गए। महज 10 दिनों में ये सड़क 7 बार धंस गई। इसके बाद इंस्पेक्शन पर निकले राज्य सरकार के मंत्री ने इंजीनियर्स पर एक्शन ले लिया।

दरअसल, सिंधिया के महल के पास नवनिर्मित सड़क धंसने की घटना ने प्रशासन हैरान है। 10 दिनों में 7 बार धंस चुकी सड़क में गड्ढे और सुरंगे देख राज्य सरकार में मंत्री तुलसी राम सिलावट भी हैरान हो गए। उन्होंने एक्शन लेते हुए नगर निगम ग्वालियर के दो इंजीनियर्स को निलंबित करने का निर्देश दे दिया।

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कमिश्नर ने लिया एक्शन

मंत्री तुलसीराम सिलावट के इस निर्देश पर ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संघ प्रिय ने दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग निलंबन का आदेश जारी किया गया है। मंत्री तुलसीराम सिलावट और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने ग्वालियर के प्रभारी है। वे एक शहर की कई सड़कों के निरीक्षण करन निकले थे लेकिन स्थानीय लोगों ने चेतकपुरी क्षेत्र में सिंधिया महल के पास सड़क के धंसने की शिकायत को प्रमुखता से उठाया।

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लापरवाही का लगा आरोप

ऐसे में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए इंजीनियर पवन सिंघल और प्रभारी इंजीनियर सुरेश अहिरवार को निलंबित कर दिया है।

कमिश्नर संघ मित्र ने निलंबन आदेश में लिखा कि दोनों इंजीनियर्स अनुबंधित ठेकेदार द्वारा किए गए सड़क निर्माण कार्य की निगरानी की इस लापरवाही के चलते मानकों की अनदेखी हुई, जिसके चलते सड़क धंस गई। प्रशासन ने इसे घोर लापरवाही बताते हुए इंजीनियर्स को निलंबन सस्पेंड कर दिया है।

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