सिखों के दसवें गुरू गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर आयोजित प्रकाश पर्व का मुख्य समारोह आज (गुरुवार को) आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंच रहे हैं। प्रकाशोत्सव के मद्देनजर पूरा पटना सज-धज गया है। तख्त हरमंदिर जी सहेब को भी रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। बिहार सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम किए हैं। पटना मिनी पंजाब बन गया है। आज मुख्य कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम की झलक देश-विदेश में बैठे लोग भी देखें और प्रकाश पर्व में शामिल हों, इस उद्देश्य से इसका सीधा प्रसारण रेडियो और टीवी पर होने वाला है। 12 बजे आकाशवाणी के मीडियम वेब 483 मीटर यानी 621 किलो हर्ट्ज पर इसका प्रसारण 32 देशों में होगा। इसके अलावा पटना, लखनऊ, जालंधर, कोलकाता, भोपाल अन्य स्टेशनों से भी प्रसारण किया जाएगा। ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन से इसका प्रसारण होगा। इस समय प्रकाशोत्सव में शामिल होने देश-विदेश से लाखों लोग तख्त श्री हरिमंदिर जी यानी पटना आए हुए हैं।

देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने बिहार सरकार की व्यवस्था पर संतोष जाहिर किया है। साथ ही बिहार के लोगों के सेवा-सत्कार के भाव पर खुशी जाहिर की है। पटना पहुंचे कई श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्होंने इससे पहले ऐसी व्यवस्था कभी नहीं देखी। श्रद्धालुओं ने कहा कि अगर गुरु महाराज की कृपा बनी रही तो फिर अगले साल आएंगे। व्यवस्था से खुश लोगों ने नीतीश सरकार को इसके लिए बधाई दी है।

इससे पहले आस्थाऔर श्रद्धा का जनसैलाब बुधवार को गांधी मैदान में उमड़ा। एक तरफ देश-विदेश के कीर्तन जत्थे को सुन संगत निहाल हुआ तो दूसरी ओर एक लाख से अधिक लोगों ने लंगर छका। दरबार हॉल के अंदर कीर्तन के बीच शांति और अध्यात्म का समागम दिखा। गुरु महाराज की जीवनी और उन पर आधारित कीर्तन को सुन श्रद्धालु धन्य हुए। रात 12 बजे तक अरदास, कीर्तन दरबार और कवि दरबार भी सजा। पटना साहिब पहुंचने वाले श्रद्धालुओं में अधिकांश अमृतसर, गुरदासपुर, दिल्ली, जालंधर, मुंबई, नांदेड़ और यूके के निवासी हैं।

श्रीगुरु गोविंद सिंह जी महाराज का प्रकाशोत्सव आज (गुरुवार को) तख्त हरिमंदिर जी साहिब में मनाया जाएगा। समारोह में भजन-कीर्तन कथावाचक गुरु जी के संदेश पर प्रकाश डालेंगे। पंडाल में विशेष समागम विशेष ढाडी दरबार विशेष कीर्तन दरबार है। जन्मकाल के समय तख्त साहिब में चारों ओर फूलों की बरसात की जाएगी। जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जन्मकथा पर प्रकाश डालेंगे। बैंड-बाजा भी रहेगा। जन्मकथा कीर्तन भाई जोगिंदर सिंह लोकेंदर सिंह पेश करेंगे। इससे पहले भाई रविंदर सिंह, लखविंदर सिंह, हजूरी रागी जत्था कीर्तन से संगत को निहाल करेंगे। समारोह देर रात तक चलेगा।