देश की प्रमुख हीरा कंपनी, किरण जेम्स पर 300 से ज्यादा कर्मचारियों की अचानक छंटनी का आरोप लगा है। सोमवार (15 अक्टूबर) को इन कर्मचारियों ने पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा और जिलाधिकारी को शिकायत करते हुए ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया, कंपनी ने इसकी कोई वजह भी नहीं बताई। कर्मचारियों के अनुसार, उन्हें 15 दिन का वेतन भी नहीं दिया गया और कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ कोई कानूनी कदम उठाने को लेकर धमकियां भी दी जा रही हैं। हीरा तराशने के काम में लगे इन कर्मचारियों ने अपनी नौकरियां वापस मांगी हैं। प्रभावितों में ज्यादातर कर्मचारी सौराष्ट्र इलाके से आते हैं। कर्मचारियों के अनुसार, शनिवार (13 अक्टूबर, 2018) को जब वह कंपनी की वराछा यूनिट में पहुंचे तो उन्हें काम से रोक दिया गया और दूसरी नौकरी ढूंढने को कहा गया।
निकाले गए कर्मचारियों से एक, दिव्यांग मंगुकिया ने कहा, ”ज्ञापन में, हमने अधिकारियों से आग्रह किया है कि दिवाली आने वाली है और हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में हमारा जीवनयापन मुश्किल होगा। हमने अधिकारियों से हमें न्याय दिलाने की मांग की है और फैक्ट्री कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने तथा हमें हमारी नौकरियां वापस दिलाने को कहा है। हम 15 दिनों के वेतन की भी मांग करते हैं जो कंपनी ने हमें देने से इनकार कर दिया है।”
जब किरण जेम्स के मालिक वीएस पटेल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ठेकेदारों के जरिए हीरा पॉलिश करने वालों को नियुक्त करती है। पटेल के अनुसार, उन्हें ऐसी किसी छंटनी की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ”कंपनी के पे-रोल पर केवल 20 लोग हैं और 400 ठेकेदार हैं जो हीरा पॉलिश करने वालों व अन्य को नौकरी देते हैं। हम 300 कर्मचारियों के बारे में नहीं पता जिन्हें काम न करने को कहा गया है। हम मामले को देखेंगे कि किस ठेकेदार के तहत वह लोग काम कर रहे थे।”
पटेल ने सूरत के किरण मूर्ति स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के लिए 65 करोड़ रुपये दान किए थे, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। कपंनी की वेबसाइट कहती है कि वह ‘दुनिया में हीरों की सबसे बड़ी उत्पादक’ है। दूसरी तरफ, प्रभावित कर्मचारियों ने सूरत रत्नकलाकार संघ और सूरत डायमंड एसोसिएशन से मामले में दखल देने की मांग की है।