गुजरात में सितंबर का महीना वहां रहने वाले हिंदी भाषियों के लिए किसी डर से कम नहीं था। वजह थी 14 महीने की मासूम से बलात्कार। यहां के सबरकांठा में रहने वाले बिहार के 19 वर्षीय लड़ने से इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोगों के लिए भड़की चिंगारी को आग बनते समय नहीं लगा। स्थानीय लोग बाहरियों को राज्य छोड़ने पर मजबूर करने लगे। घटना को करीब दो महीन हो गए हैं। अब इस मामले में सामने आया है कि बच्ची से बलात्कार के आरोपी को वकील नहीं मिल रहा है।

हालांकि, घटना के बाद आरोप पत्र दाखिल हुए लगभग एक महीना गुजर चुका है। लेकिन आरोपी की तरफ से पैरवी करने के लिए कोई वकील आगे नहीं आया है। स्पेशल पॉक्सो (प्रॉटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस) कोर्ट ने 19 नवंबर को अदालत को स्थगित करते हुए कहा कि कोई भी वकील आरोपी का बचाव नहीं करना चाह रहा है। यहां तक कि कोर्ट ने ए एम मलिक, एल कोवाडिया, आर आर भट्ट, एम एन दोशी और अन्य वकीलों से आरोपी के लिए डिफेंस करने को कहा था। इसके बावजूद कोई भी आरोपी के बचाव में सामने नहीं आया। किसी वकील द्वारा आरोपी का बचाव करने न आने पर मामला स्थगित कर दिया गया।

मामले में जिला पुलिस द्वारा बीत महीने और 3 नवंबर को चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी साथ ही एक कॉपी आरोपी को भी दे दी गई थी। उसी दिन उसने एक एप्लीकेशन खुद को कानूनी मदद दिलाने के लिए दिया था। मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर आर एन पांड्या ने कहा, कोर्ट की कोशिशों के बाद भी कोई वकील आरोपी के बचाव में नहीं आ रहा है। अगर स्थानीय वकील आरोपी के डिफेंस के लिए नहीं आते हैं तो गुंजाइश है कि जिले के बाहर के लॉयर को बुलाया जाए। क्योंकि नियम तो मानने ही होंगे।