Gujarat Elections 2022: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हुए हैं। एक तरफ, सत्ताधारी दल बीजेपी प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है तो दूसरी तरफ, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। पंजाब चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद से ही आम आदमी पार्टी का फोकस गुजरात पर रहा है और ऐसे में भाजपा भी आप की चुनौती को नजरअंदाज नहीं कर रही है। यही वजह है कि अहमदाबाद में गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में आम आदमी पार्टी पर पूरा फोकस रहा।

द इंडियन एक्सप्रेस के इनसाइड ट्रैक में छपे कूमी कपूर के लेख के अनुसार, इस बैठक के दौरान, एक भाजपा नेता ने आम आदमी को ‘वोट कटवा’ करार देते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी कोई बड़ा खतरा नहीं है और वास्तव में वह विपक्ष के वोट बांटने का काम करेगी। अमित शाह ने भाजपा नेता को फटकार लगाई और कहा कि उनके विपरीत, वह तीन महीने आगे नहीं बल्कि तीन साल आगे की सोच रहे हैं।

देश भर में तेजी से लोगों के बीच पकड़ बनाने वाली आम आदमी पार्टी एकमात्र विपक्षी दल रही है। अमित शाह ने आगाह किया कि आप को नियंत्रित किया जाना चाहिए और अगर उसने 24 प्रतिशत वोट का आंकड़ा पार किया तो भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने महाराष्ट्र में शिवसेना के राजनीतिक उदय का उदाहरण दिया, जब 1986 में शरद पवार ने अपनी कांग्रेस (एस) का कांग्रेस (आई) में विलय कर दिया था।

शिवसेना का उदाहरण दे शाह ने दिया मैसेज

पहले, शिवसेना का प्रभाव मुंबई और आसपास के जिलों तक ही सीमित था लेकिन जैसे ही शरद पवार फिर से कांग्रेस में शामिल हुए, उस राजनीतिक खालीपन को तब भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने देखते ही देखते कवर कर लिया था। उन्होंने कहा कि वह न केवल 2024 बल्कि 2029 में भी AAP की संभावनाओं को लेकर सोच रहे हैं।