भारतीय जनता पार्टी सांसद व अभिनेता परेश रावल ने रविवार (26 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना गौतम बुद्ध से की। राजकोट में ‘मन की बात, चाय के साथ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रावल ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में ”गौतम बुद्ध जैसे नरेंद्र मोदी” की धरती पर ‘जाति और मज़हब के आधार पर” वोट करना ”पाप और नैतिक पतन” होगा। रावल ने वहां मौजूद लोगों से यह भी पूछा कि क्या वह चाहेंगे कि उनका बच्चा ”पीएम नरेंद्र मोदी जैसा हो या राहुल गांधी (कांग्रेस उपाध्यक्ष) जैसा।” अहमदाबाद (ईस्ट) से भाजपा सांसद ने कहा, ”ऐसा व्यक्ति (मोदी) मिलना मुश्किल है। ऐसा व्यक्ति केवल बहुत पूजा करने के बाद ही आ सकता है। ऐसे विराट व्यक्तित्व वाले लोग अवतार लेते हैं और राजनीति से पैदा नहीं होते। अगर हम उस व्यक्ति के राज्य में, जो अपने परिवार और सबकुछ छोड़कर गौतम बुद्ध की तरह देश सेवा में लग गया, जाति और धर्म के आधार पर वोट देंगे तो हम एहसान फरामोश होंगे। यह पाप होगा, नैतिक पतन होगा। हम ऐसा नहीं कर सकते। हम सरदार पटेल और महात्मा गांधी की धरती वाले लोग हैं।”
रावल ने आगे कहा, ”ईश्वर से प्रार्थना कीजिए, अपने कुल देवता को याद कीजिए, अपने मां-बाप की छवि याद कीजिए, याद कीजिए वह पाठ जो आपके शिक्षकों ने आपको पढ़ाया था, अपना हाथ सीने पर रखिए और फिर ईमानदारी से खुद से सवाल कीजिए कि आप अपने बच्चे को राहुल गांधी बनाना चाहते हैं या नरेंद्र मोदी। जो आपका जवाब हो, उसके लिए वोट कीजिए।” भाजपा सांसद ने यह भी अंदेशा जताया कि कांग्रेस राहुल गांधी का राजनैतिक कॅरियर बचाने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकुर और दलित एक्टिविस्ट जिग्नेश मेवानी का इस्तेमाल कर रही है।
रावल ने सभा में कहा, ”नरेंद्र मोदी ने, तब गुजरात के सीएम थे, 2007 में मुझे बताया था क वह विकास के दम पर चुनाव जीतने आए थे…फिर जब मैंने उनसे 2012 में चुनाव का एजेंडा पूछा तो उन्होंने दोहराया कि विकास। आपको याद होगा, जब इंदिरा गांधी 1980 के चुनावों के जरिए वापसी का प्रयास कर रही थीं तो एक नारा था- ‘इंदिरा गांधी लाओ, देश बचाओ’। फिर सोनियाजी आईं और नारा बदलकर ‘सोनियाजी लाओ, देश बचाओ’ हो गया। आखिर में राहुल गांधी आए और फिर नारा हो गया कि ‘अल्पेश, हार्दिक, जिग्नेश लाओ और राहुलभाई बचाओ’ लेकिन मोदी की नजर विकास पर ही टिकी हुई है।”
